Tag: #वर्षा जैन प्रखर
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30 अक्टूबर विश्व बचत दिवस : पैसों की महत्व पर हिंदी कविता
यहाँ पर 30 अक्टूबर विश्व बचत दिवस पर हिंदी कविता दी जा रही है आपको कौन सी कविता अच्छी लगी कमेंट करके बताएं 30 अक्टूबर…
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रिश्ते पर कविता
रिश्ते पर कविता दर्द कागज़ पर बिखरता चला गयारिश्तों की तपिश से झुलसता चला गयाअपनों और बेगानों में उलझता चला गयादर्द कागज़ पर बिखरता चला…
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विधवा पर कविता
विधवा पर कविता सफेद साड़ी में लिपटी विधवाआँसुओं के चादर में सिमटी विधवामनहूस कैसे हो सकती है भला अपने बच्चों को वह विधवारोज सबेरे जगाती…
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हमसफर पर कविता
हमसफर पर कविता सात फेरों से बंधे रिश्ते ही*हम सफर*नहीं होतेकई बार *हम* होते हुए भी*सफर* तय नहीं होते कई बार दूर रहकर भीदिल से…
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दर्द कागज़ पर बिखरता चला गया
दर्द कागज़ पर बिखरता चला गया दर्द कागज़ पर बिखरता चला गयारिश्तों की तपिश से झुलसता चला गयाअपनों और बेगानों में उलझता चला गयादर्द कागज़…
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वर्षा जैन “प्रखर- एक नया ख्वाब सजायें
एक नया ख्वाब सजायें सपने कभी सुनहले कभी धुंधले सेआँखों के रुपहले पर्दे पर चमकते सेबुन कर उम्मीदों के ताने बानेहम सजाते जाते हैं सपने…
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कवयित्री वर्षा जैन “प्रखर” प्रदूषण पर आधारित कविता
प्रदूषण पर आधारित कविता यत्र प्रदूषण तत्र प्रदूषण सर्वत्र प्रदूषण फैला हैखानपान भी दूषित हैवातावरण प्रदूषित है जनसंख्या विस्फोट भी एक समस्या भारी हैजिसके कारण भी…
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कवयित्री वर्षा जैन “प्रखर” आस का दीपक जलाये रखने की शिक्षा
आस का दीपक जलाये रखने की शिक्षा दीपावली की पावन बेलामहकी जूही, खिल गई बेलाधनवंतरि की रहे छायानिरोगी रहे हमारी कायारूप चतुर्दशी में निखरे ऐसेतन…
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प्रकाश पर कविता-वर्षा जैन “प्रखर”
प्रकाश पर कविता मन के अंध तिमिर में क्याप्रकाश को उद्दीपन की आवश्यकता है? नहीं!! क्योंकि आत्म ज्योति काप्रकाश ही सारे अंधकार को हर लेगाआवश्यकता है, तो बस…
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विश्वास की परिभाषा – वर्षा जैन “प्रखर”
विश्वास की परिभाषा विश्वास एक पिता का कन्यादान करे पिता, दे हाथों में हाथयह विश्वास रहे सदा,सुखी मेरी संतान। योग्य वर सुंदर घर द्वार, महके घर…