वीणा वादिनी नमन आपको प्रणाम है

मां सरस्वती वंदना और बसंत पंचमी विशेष रचना

वीणा वादिनी नमन आपको प्रणाम है

माघ शुक्ल बसंत पंचमी Magha Shukla Basant Panchami
माघ शुक्ल बसंत पंचमी Magha Shukla Basant Panchami

शब्द-शब्द दीप की, अखंड जोत आरती |

प्रकाश पुंज से प्रकाशवान होती भारती |

खंड-खंड में प्रचंड, दीप्ति विघमान है |

वीणा वादिनी नमन, आपको प्रणाम है |

साधकों की साधना में,

एकता के स्वर सजे,

आपकी आराधना में,

साज संग मृदंग बजे |

कोटि-कोटि वंदनाएं, आपके ही नाम हैं |

वीणावादिनी नमन, आपको प्रणाम है |

नेक काज कर सके,

हमको ऐसी बुद्धि दो,

छल कपट से हो परे,

आत्मा में शुद्धि दो |

सत्य की डगर में माना, मुश्किलें तमाम हैं |

वीणावादिनी नमन, आपको प्रणाम है |

बुराइयों से हों परे,

नेकियों का साथ हो,

मेरे शीश पर सदा,

आपका ही हाथ हो |

भोर थी विभोर सी, अब सुहानी शाम है |

वीणावादिनी नमन, आपको प्रणाम है |

सद्भाव की डगर चलें,

समग्रता सुलभ मिले,

रहे ज़मीन पर क़दम,

चाहें सारा नभ मिले |

उपासना में आपकी, सत्य का ही नाम है |

वीणावादिनी नमन, आपको प्रणाम है |
उमा विश्वकर्मा, कानपुर, उत्तरप्रदेश

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *