सुमति छंद (भारत देश) बासुदेव अग्रवाल
हम विकास के पथ-अनुगामी।
सघन राष्ट्र के नित हित-कामी।।
हम विकास के पथ-अनुगामी।
सघन राष्ट्र के नित हित-कामी।।
प्रेरणा से
वन्दनवार:भारतीय के शत्रु हैं भारतीय ही आज =================गुरु की आज्ञा मानकर, केरल की छवि देख। रहने वालों पर लिखे, सबने सुन्दर लेख। १।सबके लेखों में मिले, जीवन सुखमय गान। शंकर के इस लेख को, मिली अलग पहचान।२। भारतीय हैं मानते, अतिथि देव की रीति ।इसीलिए आगंतुकों, से करते हैं प्रीति ।३।किन्तु परस्पर हैं बँटे, पाने … Read more
फागुन मास पर कविता