योगा नित दिन करना है

योगा नित दिन करना है

योगा नित दिन करके हमको,
तन-मन स्वस्थ बनाना है।
दूषित पर्यावरण के प्रकोप से,
खुद को हमें बचाना है।


यकृत, गुर्दा, हृदय  रोगों  को,
पास न  आने  देना है।
जीवन  के इस भाग – दौड़ में,
चाहे कितनी उलझन हो।

थोड़ा समय निकाल  हमें भी,
अनुलोम-विलोम करना है।
खुद पर संयम रखकर हमको,
शरीर संतुलित बनाना है।


दुर्लभ  जीवन  पाया  हमनें,
काया कंचन बनाना है।
सारे व्याधियों को दूर भगाने,
योगा नित दिन करना है।

रविबाला ठाकुर”सुधा”

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