महिला दिवस पर दोहा छंद / डॉ. मनोरमा चन्द्रा ‘रमा’

महिला दिवस पर दोहा छंद / डॉ. मनोरमा चन्द्रा ‘रमा’ सृष्टि सृजन में है सदा, नारी का अनुदान।पुरुष बराबर कर्म कर, बनी देश की शान।। नारी देवी तुल्य है, ममता की भंडार।सदा संघर्ष कर रही, माने कभी न हार।। निज के पोषण के लिए, करती बाहर काज।अपने फर्ज निभा रही, गृहणी बनकर आज।। हर घर … Read more

प्रकृति पर दोहे/रेखराम साहू

प्रकृति पर दोहे/रेखराम साहू प्रकृतिजन्य जीवन सभी,रहे नित्य यह ज्ञान।घातक जो इनके लिए, त्याज्य सभी विज्ञान।। प्रकृति बिना जीवन नहीं,प्रकृति प्राण आधार।जीवन और प्रकृति बिना,धन-पद सब निस्सार।। जीवन पोषक हों सभी, धर्म-कर्म के कोष।धर्म-कर्म परखे बिना, दुर्लभ है संतोष।। देश-काल संदर्भ में, हितकारी व्यवहार।मानक धर्मों का यही,करे विश्व स्वीकार।। हर युग के इतिहास में, निहित … Read more