by कविता बहार | Aug 29, 2020 | हिंदी कविता
वक़्त पर हमने अगर ख़ुद को संभाला होताज़ीस्त में मेरी उजाला ही उजाला होता दरकते रिश्तों में थोड़ी सी तो नमी होतीअपनी जुबान को जो हमने सम्हाला होता तुमको भी ख़ौफेे – खुदा यार कहीं तो होताकाश ! रिश्तों को मोहब्बत से संभाला होता दर- ब -दर ढूंढ़ रहा जिसको बशर पत्थर मेंकाश... by कविता बहार | Aug 27, 2020 | हिंदी कविता
यह समय है सोच का भाग रहा मानव से मानव , डर समाया मौत का।कोरोना वायरस ले आया , एक साया खौफ का।।मनु पड़ गया उलझन में , कैसे बचूँ इस विपदा से।भीड़ में हुआ अकेला , विश्वास नहीं है और का।। प्रकृति पर हो गया हावी , सोचा यह तो मुट्ठी में।चाँद पर घूम आयेंगें , हम तो अगली छुट्टी... by कविता बहार | Aug 27, 2020 | Uncategorized
गणपति को विघ्ननाशक, बुद्धिदाता माना जाता है। कोई भी कार्य ठीक ढंग से सम्पन्न करने के लिए उसके प्रारम्भ में गणपति का पूजन किया जाता है।भाद्रपद महीने के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी का दिन “गणेश चतुर्थी” के नाम से जाना जाता हैं। इसे “विनायक चतुर्थी” भी कहते हैं । महाराष्ट्र... by कविता बहार | Aug 25, 2020 | Uncategorized
गणपति अराधना विघ्नहारी मंगलकारीगणपति लीला अनेक-2 सज रहे हैं मंडप प्रभुबज रहे हैं देखो तालझूम रहे हैं भक्त तुम्हारेप्रभु कर उनका उद्धारविघ्नहारी…………….गणपति…………..2 गणेशजी हर घर में तेरी छवि प्रभुतू ही सबका तारण... by कविता बहार | Aug 24, 2020 | विविध छंदबद्ध काव्य
निषादराज के दोहे जय गणेश जय गणेश जय गजवदन,कृपा सिंधु भगवान।मूसक वाहन दीजिये, ज्ञान बुद्धि वरदान।।01।। शिव नंदन गौरी तनय, प्रथम पूज्य गणराज।सकल अमंगल को हरो,पूरण हो हर काज।।02।। हाथ जोड़ विनती करूँ, देवों के सरताज।भव बाधा सब दूर हो,ऋद्धि सिद्धि गणराज।।03।।...