वक़्त पर हमने अगर ख़ुद को संभाला होता
वक़्त पर हमने अगर ख़ुद को संभाला होताज़ीस्त में मेरी उजाला ही उजाला होता दरकते रिश्तों में थोड़ी सी तो नमी होतीअपनी जुबान को जो हमने सम्हाला होता तुमको भी ख़ौफेे – खुदा यार कहीं तो होताकाश ! रिश्तों को…
वक़्त पर हमने अगर ख़ुद को संभाला होताज़ीस्त में मेरी उजाला ही उजाला होता दरकते रिश्तों में थोड़ी सी तो नमी होतीअपनी जुबान को जो हमने सम्हाला होता तुमको भी ख़ौफेे – खुदा यार कहीं तो होताकाश ! रिश्तों को…
यह समय है सोच का भाग रहा मानव से मानव , डर समाया मौत का।कोरोना वायरस ले आया , एक साया खौफ का।।मनु पड़ गया उलझन में , कैसे बचूँ इस विपदा से।भीड़ में हुआ अकेला , विश्वास नहीं है…
गणपति को विघ्ननाशक, बुद्धिदाता माना जाता है। कोई भी कार्य ठीक ढंग से सम्पन्न करने के लिए उसके प्रारम्भ में गणपति का पूजन किया जाता है। भाद्रपद महीने के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी का दिन “गणेश चतुर्थी” के नाम से…
गणपति अराधना विघ्नहारी मंगलकारीगणपति लीला अनेक-2 सज रहे हैं मंडप प्रभुबज रहे हैं देखो तालझूम रहे हैं भक्त तुम्हारेप्रभु कर उनका उद्धारविघ्नहारी…………….गणपति…………..2 हर घर में तेरी छवि प्रभुतू ही सबका तारण हारदुखियों की झोली भर देप्रभु कर इतना उपकारविघ्नहारी……………..गणपति……………..2 जल…
निषादराज के दोहे जय गणेश जय गणेश जय गजवदन,कृपा सिंधु भगवान।मूसक वाहन दीजिये, ज्ञान बुद्धि वरदान।।01।। शिव नंदन गौरी तनय, प्रथम पूज्य गणराज।सकल अमंगल को हरो,पूरण हो हर काज।।02।। हाथ जोड़ विनती करूँ, देवों के सरताज।भव बाधा सब दूर हो,ऋद्धि…
वोट- विनोद सिल्ला तेरा वोट उन्हेंबैठा देगासिंहासन परलगा देगाउनकी गाड़ी परलाल बत्तीवो अपनों कोठेके दिलवाएंगेआला अधिकारियों कीकसरत करवाएंगेलूट-लूट के वतन को खाएंगेपूरे पाँच सालबदले मेंतुझे क्या मिलेगाबस एक बोतल शराबजिसका नशामतदान के तुरंत बादउतर जाएगा. -विनोद सिल्ला© Post Views: 44
सखी रे तीज पर्व आया है सखी रे तीज पर्व आया है,भाई उपहार लाया है !गुँज रहीं सारी गलियाँ,बचपन याद आया है !! बरसों बाद मिलीं सखियाँ ,पुरानी बातें याद आयी !हँसी – ठिठोली कर रही है,देखों फिर बचपन आया…
हरितालिका तीज!(घनाक्षरी) भाद्रपद शुक्ल पक्ष, पावन तृतीया तिथि,पूजन निर्जला ब्रत,रखें नारी देश के! माता रूप मोहनी सी, श्रृँगारित सोहनी सी,उम्र यश लंबी माँगे,अपने प्राणेश के! दृढ़वती धर्मधारी, सुहागिन या कुँवारी,वर लेती यदि मानें, ग्रंथों के आदेश के! मुदित मधुर मन,…
खुशबु फूलों मेंहोती है खुशबुनहीं होती फूलों में हीहोती हैकुछ व्यक्तियों केव्यवहार में भीहोती हैकुछ व्यक्तियों केकिरदार में भीहोती हैकुछ व्यक्तियों केस्वभाव में भीहोती हैकुछ व्यक्तियों कीप्रवृत्ति में भीहोती हैकुछ व्यक्तियों कीवाणी में भीलेकिनउपरोक्त खुशबु के स्वामीसभी नहीं होते -विनोद…
हाइकु अर्द्धशतक भाग 9 ४०१/शम्मी के पेड़धनिष्ठा वसु व्रतमंगल स्वामी ४०२/मंडलाकारसौ तारे शतभिषाराहु की दशा। ४०३/ रोपित करेंपूर्व भाद्रपद मेंआम्र का वृक्ष। ४०४/मांस का दानउत्तरा भाद्रपदपूजा निम्ब के । ४०५/कांसे का दानरेवती पूषा व्रतमहुआ पूजा। ४०६/श्रीराम जन्मअभिजीत जातकहै भाग्यशाली ।…