उत्सव की घड़ियाँ-मधुसिंघी

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  • Post last modified:October 15, 2023
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गणपति को विघ्ननाशक, बुद्धिदाता माना जाता है। कोई भी कार्य ठीक ढंग से सम्पन्न करने के लिए उसके प्रारम्भ में गणपति का पूजन किया जाता है।

भाद्रपद महीने के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी का दिन “गणेश चतुर्थी” के नाम से जाना जाता हैं। इसे “विनायक चतुर्थी” भी कहते हैं । महाराष्ट्र में यह उत्सव सर्वाधिक लोक प्रिय हैं। घर-घर में लोग गणपति की मूर्ति लाकर उसकी पूजा करते हैं।

गणेश
गणपति

उत्सव की घड़ियाँ

घड़ियाँ सुख की आज आई ,गणपति लाये उत्सव ।
मन से मन को जोड़ने का, करना है हमको जतन।
घड़ियाँ सुख की आज आई।

1)विपदा कोई भी आ जाये,विघ्नहर्ता कर देते अंत।
सच्चे दिल से नाम ले लो ,कट जायेंगे पाप अनंत ।
घड़ियाँ सुख की आज आई।

2)अभिलाषा कोई भी मन की,पूर्ण करते ये तुरंत।
कृपादृष्टि हम पर होगी 2, तिर जायेंगे भव अनंत।
घड़ियाँ सुख की आज आई।

3)श्रद्धा तन मन से हमारी, हो जाये जीवन बसंत
भक्ति सद्भावों से करते 2,खुशियाँ पायी है अनंत।

घड़ियाँ सुख की आज आई,गणपति लाये उत्सव।
मन से मन को जोड़ने का, करना है हमको जतन।
घड़ियाँ सुख की आज आई।

मधुसिंघी

कविता बहार

"कविता बहार" हिंदी कविता का लिखित संग्रह [ Collection of Hindi poems] है। जिसे भावी पीढ़ियों के लिए अमूल्य निधि के रूप में संजोया जा रहा है। कवियों के नाम, प्रतिष्ठा बनाये रखने के लिए कविता बहार प्रतिबद्ध है।

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  1. Anonymous

    लाजवाब

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