हिंदी संग्रह कविता-खून दिया है मगर नहीं दी कभी देश की माटी है
खून दिया है मगर नहीं दी कभी देश की माटी है युगों-युगों से यही हमारी बनी हुई परिपाटी है,खून दिया है, मगर नहीं दी कभी देश की माटी है। इस धरती पर जन्म लिया है, यही पुनीता माता है,एक प्राण, दो देह सरीखा, इससे अपना नाता है।यह धरती है पार्वती माँ, यही राष्ट्र शिव शंकर … Read more