बम लहरी बम बम लहरी (शिव महिमा)

बम लहरी बम लहरी (शिव महिमा)

कविता संग्रह
कविता संग्रह

शिव शम्भू जटाधारी, इसमें रही क्या मर्जी थारी,
सर पे जटाएं, जटा में गंगा, हाथ रहे त्रिशूलधारी।
गले से लिपटे नाग प्रभू, लगते हैं भारी विषधारी,
असाधारण वेश बना रखा, क्या रही मर्जी थारी।।

भुत-प्रेत, चांडाल चौकड़ी, करते सदा पूजा थारी,
राक्षस गुलामी करते सारे, चमत्कारी शक्ति थारी।
शिवतांडव, नटराज नृत्यकला नहीं बराबरी थारी,
मस्तक त्रिनेत्र खुले तो प्रभू, हो जाए प्रलय भारी।।

ब्रह्मा विष्णु देवी देवता भी अर्चना करते हैं थारी,
पुत्र गणेश प्रथम देवता, पार्वती मां पत्नी थारी।
हे शिव शंकर बम लहरी प्रजा पीड़ित क्यों थारी,
बम लहरी बम बम लहरी, बड़ी कृपा होगी थारी।।

विनती सुनो हे कालजय तीनों लोक है जय थारी,
कोरोना बाढ़ भूकंप प्रलय से, रक्षा करो थे म्हारी।
भ्रष्टाचार, महंगाई से भी पीड़ित जन प्रजा थारी,
भू-मण्डल सुरक्षित कर दो प्रभू कृपा होगी थारी।।

शिव शम्भू, जय जटाधारी कृपा होगी थारी भारी,
शिवरात्री तिलक भोग लगे, बलिहारी प्रजा सारी।
भक्त वश में भगवन् सारे फिर कैसी मर्जी थारी,
कृपा करो दीनानाथ, विनती करे सब नर नारी।।

राकेश सक्सेना, बून्दी, राजस्थान

कविता बहार

"कविता बहार" हिंदी कविता का लिखित संग्रह [ Collection of Hindi poems] है। जिसे भावी पीढ़ियों के लिए अमूल्य निधि के रूप में संजोया जा रहा है। कवियों के नाम, प्रतिष्ठा बनाये रखने के लिए कविता बहार प्रतिबद्ध है।

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  1. krishna

    jai bhole bahut sundar

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