मापनीमुक्त मात्रिक छंद विशेषताएं

मापनीमुक्त मात्रिक छंद विशेषताएं : (क) इन छंदों की लय को किसी मापनी में बाँधना संभव नहीं है l इन छंदों की लय को निर्धारित करने के लिए कलों ( द्विकल 2 मात्रा, त्रिकल 3 मात्रा, चौकल 4 मात्रा) का प्रयोग किया जाता है –द्विकल = 2 या 11त्रिकल = 21 या 12 या 111चौकल … Read more

चौपई या जयकरी छंद कैसे लिखें

चौपई या जयकरी छंद [सम मात्रिक] विधान – इसके प्रयेक चरण में 15 मात्रा होती हैं, अंत में 21 या गाल अनिवार्य होता है, कुल चार चरण होते हैं, क्रमागत दो-दो चरण तुकांत होते हैं l उदाहरण :भोंपू लगा-लगा धनवान,फोड़ रहे जनता के कान lध्वनि-ताण्डव का अत्याचार,कैसा है यह धर्म-प्रचार l– ओम नीरव

शब्दों की महत्ता पर कविता

शब्दों की महत्ता पर कविता चुभते हैं कुछ शब्द,चूमते हैं कुछ शब्द /शब्दकोश से निकलकर,भावनाओं की गली से-गुजरते हैं,और पाते हैं अर्थ,कहीं अनमोल,कहीं व्यर्थ ।संगति का प्रभावतो पड़ता ही है।कितने जीवंत रहे होंगे !शब्द जब भाव ने-दिया होगा जन्म ।पर प्रदूषित परिवेश की-परवरिश ने कर दिया –जर्जर,दुर्बल और तिरस्कृत।गलत हाथों में है मशालें,रोशनी के लिए … Read more

चौपाई छंद [सम मात्रिक] कैसे लिखें

चौपाई छंद [सम मात्रिक] विधान – इसके प्रत्येक चरण में 16 मात्रा होती हैं , अंत में 21 या गाल वर्जित होता है , कुल चार चरण होते हैं , क्रमागत दो-दो चरण तुकांत होते हैं l उदाहरण :बिनु पग चलै सुनै बिनु काना,कर बिनु करै करम विधि नाना lआनन रहित सकल रस भोगी,बिनु बानी … Read more

श्रृंगार छंद [सम मात्रिक]कैसे लिखें

श्रृंगार छंद (उपजाति सहित) [सम मात्रिक] विधान – इसके प्रत्येक चरण में 16 मात्रा होती हैं, आदि में क्रमागत त्रिकल-द्विकल (3+2) और अंत में क्रमागत द्विकल-त्रिकल (2+3) आते हैं, कुल चार चरण होते हैं , क्रमागत दो-दो चरण तुकांत होते हैं l उदाहरण :भागना लिख मनुजा के भाग्य,भागना क्या होता वैराग्य lदास तुलसी हों चाहे … Read more