सबसे प्यारा मेरा देश
सबसे प्यारा, ‘मेरा देश’
भिन्न-भिन्न, इसके परिवेश |
हमें गर्व, हम भारतवासी,
मथुरा यहीं, यहीं पर काशी |
जन्में कान्हा, राम यहाँ पर,
अद्भुत् चारों धाम यहाँ पर |
सिद्धार्थ यहीं पर, बुद्ध बने,
अनगिनत आचरण, शुद्ध बने |
ऋषियों से, धन्य-धन्य भूमि,
ऋतुओं से, हरित धरा झूमी |
वेद, उपनिषद्, गीता, ध्यान,
यहीं योग का, सम्यक ज्ञान |
भाषाओं से, भंडार भरा,
स्तुति में, मंत्रोच्चार भरा |
नदियों की, निश्छल जलधारा,
है प्रदीप्त, नभ में ध्रुव तारा |
शिव की सदा, साधना होती,
पाथर पूज, प्रार्थना होती |
वीरों की, धीरों की धरती,
पुन्य आत्मा, यहीं उतरती |
थोड़ा कहा, बहुत है शेष,
सबसे प्यारा, ‘मेरा देश’।
– उमा विश्वकर्मा, कानपुर, उत्तरप्रदेश