गणपति वंदना
हे गौरीसुत ओ गणपति,
सबको अब दे दो सुमति।
हे शंकरसुवन हे गणराज,
घर-घर कराओ मंगल काज।।
हे लम्बोदर ओ महाकाय,
दूर करो गर संकट आये।
हे विनायक हे गजानन,
प्रेम बरसे हर घर आँगन।।
हे गौरी नंदन चार भुजाधारी,
रहे आसन्न सदा मूषक की सवारी।
हे बुद्धि विधाता हे शिवनंदन,
प्रथम पूज्य बने, कर मात-पितु वंदन।।
हे गणेश ओ विघ्न विनाशक,
विघ्न हरो, हों हर्षित लोचन।
हे मंगलमूर्ति हे बुद्धि राज,
पाप हरो सबके महाराज।।
गज का रूप धरे सलोना,
पुलकित करे हर मन का कोना।
लम्बोदर है अति लुभावना,
पूर्ण करें हर मनोकामना।।
-प्रिया शर्मा