गणतंत्र दिवस अमर रहे,
सब के मुख में नारा है।
मातृभूमि पर शीश नवा लें,
हिंदुस्तान हमारा है।।
धरती से अंबर है पुलकित,
वीरों के योगदान से।
कदम-कदम पर हुए न्यौछावर,
अपने शौर्य अभिमान से।।
हुआ लागू संविधान जब,
स्वप्न हुआ साकार है।
महापुरुषों के प्रयास से,
मिला निज अधिकार है।।
वीर शहादत दे चले,
अपने वतन के आन में।
विजय प्राप्त का ध्येय जगा,
देश विजित सम्मान में।।
देश भक्ति संकल्प हमारा,
सदा जन कल्याण करें।
राष्ट्र ध्वज तिरंगा लहराकर,
देश भक्ति यशोगान करें।।
*~ डॉ. मनोरमा चन्द्रा ‘रमा’*
रायपुर (छ.ग.)