राम नवमी शुभ घड़ी आई
राम नवमी शुभ घड़ी आई
अवध में जन्म लिये रघुराई ।।
राम लक्ष्मण भरत शत्रुघन
आये जगत पति त्रिभुवन तारण ।
बाजत दशरथ आँगन शहनाई
अवध में जन्म लिये रघुराई ।।
सखियाँ मिलकर मंगल गाती
जगमग जगमग दीप जलाती
स्वर्ग से देवियाँ फूल बरसाई
अवध में जन्म लिये रघुराई ।।
तीनों मैंया पलना झुलावे
मुखड़ा चूम चूम लाड लड़ा वे
चँहुदिशि गूँजे बधाई हो बधाई ।
अवध में जन्म लिये रघुराई ।।
मोती लुटाती मैंया भर भर थारी
दास दासियाँ जाती वारी ।
गज मोतियन चौक पुराई।
अवध में जन्म लिये रघुराई ।।
चौथे पन सुत पाये चार है
राजा दशरथ मन खुशी अपार है
राम नवमी शुभ घड़ी आई
अवध में जन्म लिये रघुराई ।।
शंख नाद कर भोले जी आये
संग में हनुमत वानर लाये
नाच नाच रिझाये रघुराई
अवध में जन्म लिये रघुराई ।।
कलयुग में भी आओ राम जी
अत्याचार मिटाओ राम जी
कब से बैठी है शबरी माई ।
अवध में जन्म लिये रघुराई ।।
रावण दुशासन से आके बचाओ
धनुष टंकार इक बार सुनाओ
मीरा ” कर जोड़ मनायें रघुराई ।।
अवध में जन्म लिये रघुराई ।
केवरा यदु “मीरा “
राजिम
कविता बहार से जुड़ने के लिये धन्यवाद