छंद पर कविता
ना भूल मन राम जी,
मनु कर काज सही।
मर्यादा में रहकर,
कर्म फल लीजिए ।
शुद्ध भाव मन में,
जीवन नाव ना डूबे।
सदा सर्वत्र का भला,
भाव शुद्धि कीजिए।
सुबह शाम नाम ले ,
राम सीता राम सीता।
बुराई से दूर रहें,
छल मत कीजिए।
आज्ञाकारी सदाचारी ,
निष्ठावान दीक्षार्थी ,
वचन हो ना कष्टकारी ,
प्रभु मंत्र लीजिए ।
©️✍
अरुणा डोगरा शर्मा,
पंजाब।


