Author: कविता बहार

  • मानवता की मिसाल – विश्व मानवतावादी दिवस पर कविता

    मानवता की मिसाल – विश्व मानवतावादी दिवस पर कविता

    विश्व मानवतावादी दिवस मानवता के प्रति समर्पित उन व्यक्तियों और संगठनों का सम्मान करने का दिन है जो दूसरों की सेवा में निस्वार्थ भाव से लगे रहते हैं। इस दिवस पर एक लंबी कविता प्रस्तुत है, जो मानवता, दया, और सेवा के मूल्यों को उजागर करती है:

    मानवता की मिसाल - विश्व मानवतावादी दिवस पर कविता

    मानवता की मिसाल

    जब मानवता का दीप जलता,
    अंधकार का हर कोना चमकता,
    हर दिल में प्रेम की धारा,
    हर जीवन में खुशी का सहारा।

    कभी कोई भूखा न सोए,
    हर हाथ को काम मिले,
    दुख और दर्द में हम साथ चलें,
    हर मुश्किल को आसान करें।

    न जाति, न धर्म, न भाषा की दीवार,
    मानवता की बात हो हर बार,
    समानता और सहिष्णुता का हो प्रचार,
    साथ मिलकर बनाएं एक सुंदर संसार।

    दूर कहीं कोई बच्चा रोता,
    उसकी मुस्कान हमारी जिम्मेदारी,
    बीमार का इलाज हो हर दर पर,
    हर दुखी को मिले हमारी सहानुभूति।

    संवेदनाएं हो हमारी पहचान,
    हर दिल में बसें दया और सम्मान,
    विश्व मानवतावादी दिवस पर आज,
    करें हम मानवता का गुणगान।

    सपनों की दुनिया में न खो जाएं,
    वास्तविकता को भी पहचानें,
    अपने कर्मों से बदलाव लाएं,
    हर जीवन में आशा की किरण जगाएं।

    दुख की परछाई को मिटाएं,
    प्रेम और सेवा का संदेश फैलाएं,
    हर व्यक्ति हो सकता है नायक,
    जब मानवता को दिल में बसाएं।

    युद्ध और हिंसा से दूर रहें,
    शांति और प्रेम की राह पकड़ें,
    सहानुभूति से बदलें दुनिया,
    हर दिल में बसें प्रेम और ममता।

    आज का दिन हमें यह सिखाए,
    हमारा धर्म सिर्फ मानवता हो,
    कदम-कदम पर प्रेम की ज्योति,
    विश्व को एक परिवार बनाएं।

    नफरत की जगह हो प्रेम का राज,
    हर कोई हो एक-दूसरे का हमराज,
    विश्व मानवतावादी दिवस पर आज,
    मानवता को करें सलाम।


    यह कविता मानवता की शक्ति और महत्व को रेखांकित करती है, और हमें याद दिलाती है कि दया, प्रेम, और सेवा के माध्यम से हम दुनिया को एक बेहतर स्थान बना सकते हैं। विश्व मानवतावादी दिवस के अवसर पर, यह संदेश फैलाना आवश्यक है कि हम सभी के भीतर निहित मानवता की भावना को जागृत करें और अपने समाज में सकारात्मक बदलाव लाएं।

  • फोटोग्राफी का जादू (विश्व फोटोग्राफी दिवस पर कविता)

    फोटोग्राफी का जादू (विश्व फोटोग्राफी दिवस पर कविता)

    विश्व फोटोग्राफी दिवस पर कविता हमारे जीवन में फोटोग्राफी के महत्व और इसके द्वारा कैद की गई यादों, भावनाओं, और सुंदर पलों को उजागर करती है। यह कला न केवल हमें हमारी यादों को संजोने में मदद करती है बल्कि विभिन्न संस्कृति, भावनाओं और प्राकृतिक सौंदर्य को साझा करने का एक माध्यम भी है। आइए, इस अवसर पर एक कविता प्रस्तुत करते हैं:

    फोटोग्राफी का जादू (विश्व फोटोग्राफी दिवस पर कविता)

    फोटोग्राफी का जादू

    छवि के इस जादू में छुपा,
    हर लम्हा एक कहानी कहता,
    फ्रेम में कैद हुए वो पल,
    जो दिल को छू जाए हर दफा।

    प्रकृति की छटा, नभ का नीला,
    पंछियों का कलरव, हरे-भरे खेत,
    फोटोग्राफर की नजर से देखो,
    हर दृश्य लगे अद्वितीय व अमूल्य।

    हर तस्वीर के पीछे छिपी,
    किसी की मेहनत, किसी की चाहत,
    लेंस के पार देखे जब वो,
    हर छवि में दिखे उसकी कला।

    यादों के अल्बम में समेटे,
    हंसी-खुशी के अनगिनत पल,
    फोटोग्राफी का जादू है ऐसा,
    कि हर लम्हा बन जाए अनमोल।

    हर चेहरा, हर मुस्कान,
    फोटोग्राफी से हुआ अमर,
    हर दिन, हर रात की कहानी,
    कैमरे में बसी हो जाती अमिट।

    आओ मिलकर मनाएं हम,
    विश्व फोटोग्राफी दिवस,
    हर छवि, हर याद में बसता,
    जीवन का यह अनमोल अहसास।


    यह कविता फोटोग्राफी की कला और उसके प्रभाव को सलाम करती है, जो हमारे जीवन के पलों को जीवंत और अमर बना देती है। फोटोग्राफी न केवल यादों को संजोने का माध्यम है, बल्कि यह हमें अपनी दुनिया को देखने का एक नया नजरिया भी देती है।

  • अंगदान: जीवन का दान ( विश्व अंग दान दिवस पर कविता )

    अंगदान: जीवन का दान ( विश्व अंग दान दिवस पर कविता )

    विश्व अंग दान दिवस पर कविता अंगदान के महत्व और इससे होने वाले जीवनदायिनी कार्य को उजागर करती है। अंगदान एक महान कार्य है, जो जरूरतमंद लोगों को नई जिंदगी देता है। आइए इस अवसर पर एक कविता प्रस्तुत करते हैं:

    अंगदान: जीवन का दान ( विश्व अंग दान दिवस पर कविता )

    अंगदान: जीवन का दान

    जीवन की राह में बढ़ते हम,
    हर कदम पर सीखते हैं हम,
    पर कुछ ऐसा कर जाएँ हम,
    जिससे हो किसी का जीवन अजर-अमर।

    अंगदान का करें प्रण,
    जीवन का यह सबसे बड़ा दान,
    किसी की उम्मीदों का नया सवेरा,
    किसी के जीवन का नया बहार।

    देखो वो मुस्कान चेहरे पर,
    जब कोई पा ले नया जीवन,
    अंधेरों से निकलकर उजालों में,
    उनकी नई कहानी का यह आरंभ।

    हमसे जुड़ा हर अंग अनमोल,
    किसी के लिए यह हो सकता अमृत बोल,
    नेत्रहीन को मिले नई दृष्टि,
    किसी का हृदय धड़क उठे पुनः।

    विश्व अंग दान दिवस है आज,
    आओ मिलकर करें यह आगाज़,
    जीवन की मशाल जलाएं हम,
    हर दिल में उम्मीद जगाएं हम।

    हर धड़कन में हो यह संकल्प,
    अंगदान से बदलें किसी का कल,
    इस मानवता के पथ पर चलें,
    हर जीवन को नवजीवन दें।


    यह कविता अंगदान के महान कार्य की प्रशंसा करती है और हमें प्रेरित करती है कि हम इस दिशा में कदम बढ़ाएं, ताकि हम अपनी मृत्यु के बाद भी किसी के जीवन का हिस्सा बने रहें। अंगदान एक ऐसा दान है, जिससे हम किसी को जीवन की सबसे बड़ी खुशी दे सकते हैं।

  • मुहर्रम की याद

    मुहर्रम की याद

    मुहर्रम इस्लामी वर्ष का पहला महीना होता है और यह इस्लामी समुदाय के लिए एक विशेष महत्व रखता है, खासकर शिया मुसलमानों के लिए। यह महीना कर्बला के शहीदों की याद में मनाया जाता है, जिसमें इमाम हुसैन और उनके साथियों की शहादत का विशेष रूप से जिक्र होता है। मुहर्रम के समाप्त होने पर यह कविता उस त्याग, बलिदान और समर्पण की भावना को दर्शाती है:

    मुहर्रम की याद

    मुहर्रम की याद

    मुहर्रम का महीना आया,
    यादों की घटा छाई है,
    कर्बला की वो गाथा सुनकर,
    हर आँख अश्रु से भर आई है।

    इमाम हुसैन की शहादत,
    सच्चाई की आवाज़ थी,
    जालिम के आगे न झुकना,
    उनकी यही परंपरा खास थी।

    धर्म की रक्षा, सच्चाई का संग,
    कर्बला में दिखा अदम्य उमंग,
    प्यासे रहकर भी ना झुके,
    हुसैन ने सत्य की राह चुने।

    कटा सर, फिर भी न झुकी,
    उनके साहस की ये कहानी,
    धर्म और इंसाफ की खातिर,
    दी अपनी कुर्बानी।

    मुहर्रम का महीना गुजरा,
    पर यादें फिर भी साथ हैं,
    हुसैन के उस बलिदान की,
    हर दिल में बसी सौगात है।

    आओ सब मिलकर याद करें,
    उन वीरों की कुर्बानी को,
    सच्चाई और हक की राह पर,
    चलें उनके जज़्बे की निशानी को।


    यह कविता इमाम हुसैन और उनके साथियों के साहस और बलिदान को याद करती है, जो हमें सत्य और न्याय के लिए खड़े रहने की प्रेरणा देती है। मुहर्रम का महीना हमें इस बात की याद दिलाता है कि सत्य और न्याय के लिए किसी भी प्रकार की कुर्बानी दी जा सकती है।

  • राष्ट्रीय पर्वतीय पर्वतारोहण दिवस पर एक कविता

    राष्ट्रीय पर्वतीय पर्वतारोहण दिवस पर एक कविता

    यहाँ राष्ट्रीय पर्वतीय पर्वतारोहण दिवस पर एक कविता प्रस्तुत की गई है, जो पर्वतारोहण के साहस, रोमांच और प्राकृतिक सौंदर्य को दर्शाती है:


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    राष्ट्रीय पर्वतीय पर्वतारोहण दिवस

    जब ऊँचे पर्वत चढ़ते हैं हम,
    साहस से भरे दिल के संग,
    हर चोटी पर विजय का सपना,
    हर कदम पर नई उमंग।

    हवा का झोंका, बर्फ की चादर,
    कभी रुकावट, कभी सहारा,
    प्रकृति की गोद में चलते हैं हम,
    हर पल रोमांच का इशारा।

    रास्ते कठिन, पगडंडी तंग,
    मंजिल की ओर बढ़ते हैं संग,
    हर मुश्किल को पार करते,
    नई ऊंचाईयों पर चढ़ते।

    पर्वतों की चोटी से दिखता,
    क्षितिज का अद्भुत विस्तार,
    हरियाली, नीला आकाश,
    प्रकृति का अद्भुत संसार।

    आओ मिलकर आज मनाएं,
    राष्ट्रीय पर्वतीय पर्वतारोहण दिवस,
    साहस और दृढ़ता का पर्व यह,
    प्रकृति से जुड़ने का प्रयास।

    चढ़ते रहें हम पर्वतों पर,
    दृढ़ता और धैर्य के संग,
    हर चोटी पर विजय का सपना,
    हर दिन को बनाएं हम नया रंग।


    यह कविता पर्वतारोहण के रोमांच और प्राकृतिक सौंदर्य के प्रति प्रेम को उजागर करती है। पर्वतारोहण न केवल साहसिक खेल है, बल्कि यह धैर्य, दृढ़ता, और प्रकृति के साथ सामंजस्य बैठाने का माध्यम भी है।