बोलो रे बोलो बोलो राधे गोपाल बोलो- आरती – मौलिक रचना – अनिल कुमार गुप्ता “अंजुम”

इस रचना को श्री कृष्ण की भक्ति के रूप में भजन के माध्यम से प्रस्तुत किया गया है | बोलो रे बोलो बोलो राधे गोपाल बोलो- आरती - मौलिक रचना - अनिल कुमार गुप्ता "अंजुम"

मातृभूमि- कविता – मौलिक रचना – अनिल कुमार गुप्ता “अंजुम”

इस रचना में कवि एक वीर सैनिक की माँ की भावनाओं को व्यक्त कर रहा है जो अपनी माँ से कहकर गया था कि वो युद्ध जीतकर वापस लौटेगा किन्तु.......| मातृभूमि- कविता - मौलिक रचना - अनिल कुमार गुप्ता "अंजुम"

कवि पंख हुए विस्तृत – कविता – मौलिक रचना – अनिल कुमार गुप्ता “अंजुम”

इस रचना में कवि नए - नए विषयों से स्वयं को अभिभूत महसूस कर रहा है साथ ही समाज में फ़ैल रहे असामाजिक विचारों पर कटाक्ष कर रहा है | कवि पंख हुए विस्तृत - कविता - मौलिक रचना - अनिल कुमार गुप्ता "अंजुम"

मुझे तेरे करम का एहसास हो – कविता – मौलिक रचना – अनिल कुमार गुप्ता “अंजुम”

इस रचना में कवि उस खुदा के करम और रहम का एहसास कर रहा है | मुझे तेरे करम का एहसास हो - कविता - मौलिक रचना - अनिल कुमार गुप्ता "अंजुम"

एक ही प्रश्न – कविता – मौलिक रचना – अनिल कुमार गुप्ता “अंजुम”

इस कविता के माध्यम से कुछ प्रश्न के जवाब ढूँढने के प्रयास किये गए हैं | इंसानियत या मानवतापूर्ण व्यवहार के प्रति मानव की सोच पर इस रचना में कुठाराघात किया गया है | एक ही प्रश्न - कविता - मौलिक रचना - अनिल कुमार गुप्ता "अंजुम"