मुक्तामणि छंद [सम मात्रिक] कैसे लिखें

मुक्तामणि छंद [सम मात्रिक] विधान – 25 मात्रा, 13,12 पर यति, यति से पहले वाचिक भार 12 या लगा, चरणान्त में वाचिक भार 22 या गागा l कुल चार चरण, क्रमागत दो-दो चरण तुकांत l विशेष – दोहा के क्रमागत दो चरणों के अंत में एक लघु बढ़ा देने से मुक्तामणि का एक चरण बनता … Read more

आम फल पर बाल कवितायेँ

यहाँ पर आम फल पर 3 कवितायेँ प्रस्तुत हैं जो कि बाल कवितायेँ हैं नाम मेरा आम नाम मेरा आम है,हूं फिर भी खास।खाते मुझको जो,पा जाते है रास। रूप मेरे है अनेक,सबके मन भाता।देख देख मुझे सब,परमानंद को पाता। घर घर मेरी शाख,बनता हूं आचार।लू में सिरका बनूँ,दे शीतल बयार। खट्टे मीठे स्वाद है,मुह … Read more

सोरठा छंद [अर्ध सम मात्रिक] कैसे लिखें

सोरठा छंद [अर्ध सम मात्रिक] विधान – 11,13,11,13 मात्रा की चार चरण , सम चरणों के अंत में वाचिक भार 12 (अपवाद स्वरुप 12 2 भी), विषम चरणों के अंत में 21 अनिवार्य, सम चरणों के प्रारंभ में ‘मात्राक्रम 121 का स्वतंत्र शब्द’ वर्जित, विषम चरण तुकांत जबकि सम चरण अतुकांत l विशेष – दोहा … Read more

शबरी (अनुगीत छंद) – बाबू लाल शर्मा

विधान– २६ मात्रा प्रति चरण
चार चरण दो-दो समतुकांत हो
१६,२६ वीं मात्रा पर यति हो
चरणांत लघु १ हो।

आम और तरबूजा बाल कविता

आम और तरबूजा बाल कविता कहा आम तरबूजे सेसुन लो मेरी बातफलों का राजा आम मैंतेरी क्या औकातगांव शहर घर-घर में मेरीसबमें है पहचानबड़े शान से बच्चे बूढ़ेकरते खूब बखानअमृतफल फलश्रेष्ट अंबआम्र अनेकों नामलंगड़ा चौसा दशेहरीरूपों से संनामस्वादों में अनमोल मैमिलता बरहो मांसशादी लगन बरात मेंरहता हूं खुब खासकच्चा पक्का हूं उपयोगीसिरका बने आचारलू लगने … Read more