कविता बहार

कविता बहार

"कविता बहार" हिंदी कविता का लिखित संग्रह [ Collection of Hindi poems] है। जिसे भावी पीढ़ियों के लिए अमूल्य निधि के रूप में संजोया जा रहा है। कवियों के नाम, प्रतिष्ठा बनाये रखने के लिए कविता बहार प्रतिबद्ध है।

तरबूज पर बाल कवितायेँ

तरबूज पर बाल कविता : तरबूज़ ग्रीष्म ऋतु का फल है। यह बाहर से हरे रंग के होते हैं, परन्तु अंदर से लाल और पानी से भरपूर व मीठे होते हैं। इनकी फ़सल आमतौर पर गर्मी में तैयार होती है।…

लावणी/कुकुभ/ताटंक छंद [सम मात्रिक] कैसे लिखें

लावणी/कुकुभ/ताटंक छंद [सम मात्रिक] विधान – 30 मात्रा, 16,14 पर यति l कुल चार चरण, क्रमागत दो-दो चरण तुकांत l विशेष – इसके चरणान्त में वर्णिक भार 222 या गागागा अनिवार्य होने पर ताटंक , 22 या गागा होने पर…

बीर/आल्ह छंद [सम मात्रिक] कैसे लिखें

बीर/आल्ह छंद [सम मात्रिक] विधान – 31 मात्रा, 16,15 पर यति, चरणान्त में वाचिक भार 21 या गाल l कुल चार चरण, क्रमागत दो-दो चरणों पर तुकांत l उदाहरण :विनयशीलता बहुत दिखाते, लेकिन मन में भरा घमण्ड,तनिक चोट जो लगे…

केले पर कविता

केले पर कविता सबसे प्यारा सबसे न्यारा मेरा नाम है बनाना। यूं तो हू मैं पीले रंग का सबका दिल हूं चुराता । आम, अनार, सेब, संतरेसबके स्वाद निराले। मैं जीता हूं बिना बीज के ऐसा हूं मैं अनोखा ।…

कभी न तोड़ो कच्चे फल

कभी न तोड़ो कच्चे फल बात पते की सुन लो मेरी,फल खाना है बहुत जरूरी।1। सुन्दर ,स्वस्थ,निरोग रहें हम,सारे सुख का भोग करें हम।2। आम,सन्तरा,काजू खाओ,बाबू,भोले,राजू आओ।3। प्रोटीन,विटामिन सब पाये,अनन्नास,अंगूर जो खाये ।4। कुछ मौसम कुछ बारहमासी,रखे,कटे मत खाओ बासी।5।…