कविता बहार

कविता बहार

"कविता बहार" हिंदी कविता का लिखित संग्रह [ Collection of Hindi poems] है। जिसे भावी पीढ़ियों के लिए अमूल्य निधि के रूप में संजोया जा रहा है। कवियों के नाम, प्रतिष्ठा बनाये रखने के लिए कविता बहार प्रतिबद्ध है।

मुख पर कविता – राजेश पांडेय वत्स

मुख पर कविता -मनहरण घनाक्षरी गैया बोली शुभ शुभ, सुबह से रात तक,कौआ बोली हितकारी,चपल जासूस के! हाथी मुख चिंघाड़े हैं, शुभ मानो गजानन,सियार के मुख कहे,बोली चापलूस के! मीठे स्वर कोयल के, बसंत में मधु घोले,तोता कहे राम राम,मिर्ची…

चिड़िया पर बालगीत – साधना मिश्रा

चिड़िया पर बालगीत – चुनमुन और चिड़िया चुनमुन पूछे चिड़िया रानी, छुपकर कहाँ तुम रहती हो?मेरे अंगना आती न तुम, मुझसे क्यों शर्माती हो? नाराज हो मुझसे तुम क्यों? दूर – दूर क्यों रहती हो?आओ खेलें खेल- खिलौने, डरकर क्यों…

रसोईघर पर कविता – राजेश पांडेय वत्स

रसोईघर पर कविता (छंद-मनहरण घनाक्षरी) अँगीठी माचीस काठ,कंडा चूल्हा और राख, गोरसी सिगड़ी भट्टी, *देवता रसोई के!* सिल बट्टा झाँपी चक्की,मथनी चलनी चौकी,कड़ाही तसला तवा, *वस्तु कोई-कोई के!* केतली कटोरा कुप्पी,बर्तन मूसल पीढ़ा, गिलास चम्मच थाली, *रखे सब धोई के!*…

मजदूर की दशा पर हास्य व्यंग्य – मोहम्मद अलीम

1 मई अंतर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस 1 May International Labor Day

अंतर्राष्ट्रीय मज़दूर दिवस या मई दिन मनाने की शुरूआत 1 मई 1886 से मानी जाती है जब अमेरिका की मज़दूर यूनियनों नें काम का समय 8 घंटे से ज़्यादा न रखे जाने के लिए हड़ताल की थी। किसी भी समाज, देश, संस्था और उद्योग में मज़दूरों, कामगारों और मेहनतकशों की अहम भूमिका होती है।

मेरा साथी कौन- दीप्ता नीमा

मेरा साथी कौन- दीप्ता नीमा एक दिन मुझे भगवान् मिलेमैंने उनसे पूछा कि भगवन्आप मुझे बताएं कि मेरा साथी कौन? मैं राही मेरी मंजिल है कौन मैं पंछी मेरा घोसला है कौनमैं तूफान मेरा साहिल है कौनमैं हूँ नाव मेरा…