मानव जीवन मिल पाता है कभी कभी – सुधा शर्मा
जीवन में ऐसा भी वक्त आता है कभी कभी
कोई भीड़ में तन्हा हो जाता है कभी कभी
सपनों के घरौंदे सारे बिखर जाते हैं
स्मृतियों का इक महल बन जाता है कभी कभी
कौन कहता है पीड़ाएं तोड़ती हैं सदा
तन्हाई में दर्द दवा बन जाता है कभी-कभी
जिंदगी बस संघर्षों का पर्याय है साथी
प्रेरणा बन जीवन मेंआता है कभी-कभी
ना भूलो इंसान होकर कभी कर्म अपना
मानव जीवन मिल पाता है कभी कभी
सुधा शर्मा
राजिम छत्तीसगढ़