"कविता बहार" हिंदी कविता का लिखित संग्रह [ Collection of Hindi poems] है। जिसे भावी पीढ़ियों के लिए अमूल्य निधि के रूप में संजोया जा रहा है। कवियों के नाम, प्रतिष्ठा बनाये रखने के लिए कविता बहार प्रतिबद्ध है।
पत्थर दिल पर कविता लता लता को खाना चाहे,कली कली को निँगले!शिक्षा के उत्तम स्वर फूटे,जो रागों को निँगले! सत्य बिके नित चौराहे पर,गिरवी आस रखी हैदूध दही घी डिब्बा…
हारे जीत पर दोहे पीर जलाए आज विरह फिर,बनती रीत!लम्बी विकट रात बिन नींदे, पुरवा शीत! लगता जैसे बीत गया युग, प्यार किये!जीर्ण वसन हो बटन टूटते, कौन सिँए!मिलन नहीं…
प्रीत की बाजी पर कविता कल्पना यह कल्पना है,आपके बिन सब अधूरी।गया भूल भी मधुशाला,वह गुलाबी मद सरूरी। सो रही है भोर अब यह,जागरण हर यामिनी को।प्रीत की ठग रीत…
राज दरबारी वो हैं बड़े लेखकनवाजा जाता है उन्हेंखिताबों सेदी जाती हैसरकार द्वारा सुविधाएंनाना प्रकार कीबदले मेंमिलाते हैं वे कदम-तालसरकार सेकर रहे हैं निर्वहनराज-दरबारियों कीपरम्परा काउनकी लेखनी नेमोड़ लिया मुंहआमजन…
प्रस्तुत कविता शिव शक्ति पर आधारित है। वह त्रिदेवों में एक देव हैं। इन्हें देवों के देव महादेव, भोलेनाथ, शंकर, महेश, रुद्र, नीलकंठ, गंगाधार आदि नामों से भी जाना जाता है।
सरहद पर कविता सरहदों परव्याप्त हैभयावह चुप्पीकी जा रही हैचुपचाप निगहबानीकी जाती हैं बाड़बंधीनियन्त्रित करने कोइंसानों कोइंसानों की आवा-जाही कोकहा जाता हैकी जा रही है सुरक्षास्वतंत्रता कीसंप्रभुता कीसरहद नहीं होती…
होलिका दहन पर कविता holika-dahan मधुमासी ऋतु परम सुहानी, बनी सकल ऋतुओं की रानी।ऊर्जित जड़-चेतन को करती, प्राण वायु तन-मन में भरती।कमल सरोवर सकल सुहाते, नव पल्लव तरुओं पर भाते।पीली…
प्रस्तुत कविता शिवरात्रि पर आधारित है। वह त्रिदेवों में एक देव हैं। इन्हें देवों के देव महादेव, भोलेनाथ, शंकर, महेश, रुद्र, नीलकंठ, गंगाधार आदि नामों से भी जाना जाता है।