सार छंद विधान – बाबूलालशर्मा

सार छंद विधान ऋतु बसंत लाई पछुआई, बीत रही शीतलता।पतझड़ आए कुहुके,कोयल,विरहा मानस जलता। नव कोंपल नवकली खिली है,भृंगों का आकर्षण।तितली मधु मक्खी रस चूषक,करते पुष्प समर्पण। बिना देह के…

हिमालय पर कविता

हिमालय पर कविता नेपाल, चीन सीमा पर स्थित,हिमालय पर्वत की चोटी।गंगा यही से निकलती है,पत्थरों के साथ बहती है।हिमालय को पर्वत राज,नाम से जाना जाता है।पर्वतों का राजा माउंट एवरेस्ट,सबसे…
ओजोन परत

पर्यावरण संरक्षण पर कविता

पर्यावरण संरक्षण पर कविता दूषित हुई हवावतन कीकट गए पेड़सद्भाव केबह गई नैतिकतामृदा अपर्दन मेंहो गईं खोखली जड़ेंइंसानियत कीघट रही समानताओजोन परत की तरहदिलों की सरिताहो गई दूषितमिल गया इसमेंस्वार्थपरता…

बिखराव पर कविता

बिखराव पर कविता नफरतों नेबढ़ा दी दूरियांइंसान-इंसान के बीच बांट दिया इंसानकितने टुकड़ों मेंस्त्री-पुरुषअगड़ा-पिझड़ाअमीर-गरीबनौकर-मालिकछूत-अछूतश्वेत-अश्वेतस्वर्ण-अवर्णधर्म-मजहब मेंखंड-खंड हो गया इंसाननित बढ़ता हीजा रहा है बिखराव -विनोद सिल्ला©

हनुमत वंदना

हनुमत वंदना चैत्र शुक्ल पूर्णिमा श्री हनुमान जयंती Chaitra Shukla Poornima Shri Hanuman Jayanti राम नाम जाप कर, चित्त निज साफ कर,पवनसुत ध्यान धर,प्रभु को पुकारिये।भेद भाव भूल कर, क्रोध…

संस्कारों पर कविता

संस्कारों पर कविता बीज रोप दे बंजर में कुछ,यूँ कोई होंश नहीं खोता।जन्म जात बातें जन सीखे,वस्त्र कुल्हाड़ी से कब धोता। संस्कृति अपनी गौरवशाली,संस्कारों की करते खेती।क्यों हम उनकी नकल…

कवि निमंत्रण पर कविता

कवि निमंत्रण पर कविता मित्रों तुम आनाआज मेरी कविता पाठ है कविता पाठ के बादतुम्हारे आने-जाने का खर्चा दूँगा शाम को पार्टी होगीमिलकर जश्न मनाएंगेजैसे हर बार मनाते हैं बस एक…

अप्सरा पर कविता

अप्सरा पर कविता बादलो ने ली अंगड़ाई,खिलखलाई यह धरा भी!हर्षित हुए भू देव सारे,कसमसाई अप्सरा भी! कृषक खेत हल जोत सुधारे,बैल संग हल से यारी !गर्म जेठ का महिना तपता,विकल…

शिव भक्ति गीत -बाबूलाल शर्मा

शिव भक्ति गीत -बाबूलाल शर्मा प्रस्तुत कविता शिव भक्ति गीत आधारित है। वह त्रिदेवों में एक देव हैं। इन्हें देवों के देव महादेव, भोलेनाथ, शंकर, महेश, रुद्र, नीलकंठ, गंगाधार आदि नामों से भी जाना जाता है।