संस्कृति पर कविता

संस्कृति पर कविता अपनी संस्कृति अपनाओ,अपना अभिवादन अपनाओ!जब भी मिले दूसरो से ,हाथ जोड़ मुस्कुराओ !!हाथ जोड़ मुस्कुराओ,कोरोना दूर भगाओ!हाथ धोये साबुन सेथोड़ा न घबराओ !!कहे दूजराम पुकार के ,सावधानी…

दादाजी पर कविता (एक अद्भुत मित्र)

दादाजी पर कविता आज सुनाता हूँ मैं मेरे जीवन का वो प्रसंगजो है मेरे जीवन का एक अद्भुत अमिट अंग॥हुई कृपा उस ईश्वर की जो मुझे यहाँ पर भेजा हैसौंप…

कैसे जाल बिछाया है कोरोना

कैसे जाल बिछाया है कोरोना कैसे जाल बिछाया है ?तूने रे कोरोना!हाहाकार मचा दिया है,हो रही है रोना !!कोरोना बोला सुन रे मानव,छोड़ दिया तूने अपनी संस्कृति,संस्कार भी भुला दिया…

डॉग लवर पर पत्रकारिता

डॉग लवर पर पत्रकारिता ओमप्रकाश भारतीय उर्फ पलटू जी शहर के सबसे बड़े उद्योगपति होने के साथ ही फेमस डॉग लवर अर्थात् प्रसिद्ध कुत्ता प्रेमी भी थे। पलटू जी ने…

ख़यालों पर कविता

ख़यालों पर कविता तुम मेरे ख़यालों में होते होमैं ख़ुशनसीब होता हूँबात चलती है तुम्हारी जहाँमैं ज़िक्र में होता हूँ . पलकें बंद होती नहीं रातों कोयादों को तुम्हारी आदत…

साजन पर कविता

साजन पर कविता मंद हवा तरु पात हिले,नचि लागत फागुन में सजनी।लाल महावर हाथ हिना,पद पायल साजत है बजनी।आय समीर बजे पतरा,झट पाँव बढ़े सजनी धरनी।बात कहूँ सजनी सपने,नित आवत…

सौ प्यास कैसे बुझे पर कविता

सौ प्यास कैसे बुझे पर कविता मुझे कुछ ना सुझेभला एक बूंद मेंसौ प्यास कैसे बुझे ?तू मेरी ना सोच ,जा किसी चोंचअमृत बन .मेरी यही नियति हैकि तड़प मरूँअति…

ख्वाहिश पर कविता

ख्वाहिश पर कविता मिट्टी से बना हूं मैं , मिट्टी में मिल जाऊंगा।जब तक हूँ अस्तित्व में ,रौशनी कर जाऊंगा।। तम छाया है हर तरफ,सात्विकता बढ़ाऊंगा।विवेक को जगा कर मैं,रोशनी…

सत्य पर कविता

सत्य पर कविता मैं कल भी अकेला थाआज भी अकेला हूंऔर संघर्ष पथ परहमेशा अकेला ही रहूंगा मैं किसी धर्म का नहींमैं किसी दल का नहींसम्मुख आने से मेरेभयभीत होते…