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होली चालीसा – बाबू लाल शर्मा

होली चालीसा :-चालीसा हिंदू धर्म में विभिन्न देवी-देवताओं की पूजा के लिए गायी जाने वाली प्रार्थना होती है। ये प्रार्थनाएँ विशेष रूप से उन देवी-देवताओं को समर्पित की जाती हैं…

बंधन पर कविता

बंधन पर कविता बंधन बांधो ईश से, और सभी बेकार।केवल ब्रह्म सत्य है,पूरा जगत असार।। बंधन केवल प्यार का,होता बड़ा अनूप।स्वार्थ भावना से रहित,होता इसका रूप।। कर्मों का बंधन हमे,बांधे…

शादी पर गीत

शादी पर गीत मैं चूल्हे की नाँब घुमाऊँ , लाइटर तुम जला दो ना।सब्जी मैंने छौंकी हैं जी , आकर इसे चला दो ना। प्यार करें हैं कब से दोनों…

रजत विषय पर दोहा

रजत विषय पर दोहा रजत वर्ण की चाँदनी,फैल रही चहुँओर।चमक रहा है चंद्रमा, लगे रात भी भोर।। रात अमावस बाद ही , होता पूर्ण उजास।दुग्ध धवल सी पूर्णिमा,करती रजत प्रकाश।।…

दंगों से पहले पर कविता

दंगों से पहले पर कविता दंगों से पहले शांत महौल थाइस शहर कादंगों से पहले नाम निशाननहीँ था वैर कादंगों से पहले अंकुरित नहीँ थाबीज जहर कादंगों से पहले सौहार्द-सदभाव…

जाति धर्म पर कविता

जाति धर्म पर कविता इंसान-इंसान के बीचकितनी हैं दूरियांइंसान-इंसान कोनहीं मानता इंसानमानता हैकिसी न किसीजाति काधर्म काप्रतिनिधिइंसान की पहचानइंसानियत न होकरबन गई पहचानजाति व धर्म हो गई परिस्थितियांबड़ी विकटविवाह-शादीकार-व्यवहारक्रय-विक्रयसब कुछ…

चित्र मित्र इत्र विचित्र पर कविता

चित्र मित्र इत्र विचित्र पर कविता चित्र रचित कपि देखकर,डरती सिय सुकुमारि।अगम पंथ वनवास में, रहती जनक दुलारि।। मित्र मिले यदि कर्ण सा, सखा कृष्ण सा साथ।विजित सकल संसार भव,…

शिखण्डी पर कविता

शिखण्डी पर कविता पार्थ जैसा हो कठिन,व्रत अखण्डी चाहिए।*आज जीने के लिए,**इक शिखण्डी चाहिए।।* देश अपना हो विजित,धारणा ऐसी रखें।शत्रु नानी याद कर,स्वाद फिर ऐसा चखे। सैन्य हो अक्षुण्य बस,व्यूह्…

सूरज पर कविता

सूरज पर कविता सुबह सबेरे दृश्य मीत यामिनी ढलना तय है,कब लग पाया ताला है।*चीर तिमिर की छाती को अब,**सूरज उगने वाला है।।* आशाओं के दीप जले नित,विश्वासों की छाँया…

शिक्षा पर कविता

शिक्षा पर कविता शिक्षा का अधिकार सभी कोसभी शिक्षित कीजिये।कहते है महादान इसकोदान सबको दीजिए।।1।। शिक्षा का ये क्षेत्र असीमितअनुसंधान कीजिये।अधुनातन नवतकनीकों सेजनकल्याण कीजिये।।2।। शिक्षा से कोई भी वंचितरहे ना…