विंध्यवासिनी विनाश दुःख का करो -दुर्गा शंकर इजारदार

विंध्यवासिनी विनाश दुःख का करो अजेय विंध्यवासिनी विनाश दुःख का करो ,त्रिशूल धारिणी सहाय प्राण शत्रु का हरो ।। सभी सुखी रहें यहाँ जवान हो कि वृद्ध हो ,सदैव काम…

ज्योति पर्व नवरात पर दोहे -आर आर साहू

ज्योति पर्व नवरात पर दोहे जगमग-जगमग जोत से,ज्योतित है दरबार।धरती से अंबर तलक,मां की जय-जयकार।। मनोकामना साथ ले,खाली झोली हाथ।माँ के दर पे टेकते,कितने याचक माथ।। धन-दौलत संतान सुख,पद-प्रभुता की…
माँ दुर्गा

माँ दुर्गा से संबंधित हाइकु -सुधा शर्मा

दुर्गा या आदिशक्ति हिन्दुओं की प्रमुख देवी मानी जाती हैं जिन्हें माता, देवी, शक्ति, आध्या शक्ति, भगवती, माता रानी, जगत जननी जग्दम्बा, परमेश्वरी, परम सनातनी देवी आदि नामों से भी जाना जाता हैं।[शाक्त सम्प्रदाय की वह…

सूनी इक डाली हूँ-नील सुनील

सूनी इक डाली हूँ सूनी इक डाली हूँ। सोचें सब माली हूँ।।  तू खेले लाखों में। मैं पैसा जाली हूँ।।  घर बच्चे भूखे हैं। मैं खाली थाली हूँ।।  तू मन्नत रब की है। मैं…

तुममें राम कौन है?-राहुल लोहट

तुममें राम कौन है? मैदान खुला है,भीड़ बहुत है,जोर-जोर के जयकारे चीर रहे है आस्मां,दहन है विद्वान कामूर्खों के हाथों,सजा बार-बार क्यूं ?सवाल मन को खंगोलता है।मेरा कसूर क्या बहन की इज्जत…

अभी मैं मरा नहीं हूँ-नील सुनील

अभी मैं मरा नहीं हूँ। हां देश की खातिर मर जाने की, मैंने कसम उठाई थी। जिस्म के मेरे, मर जाने पर. आंख सभी भर आई थी। जिस्म से हूं मर गया बेशक, रूह से मरा नहीं…

प्रदुषण से बचाना होगा

प्रदुषण से बचाना होगा   महकती धरा  को प्रदुषण से बचाना होगा इस नवरात्रि में एक मुहीम चलाना होगा, महकती धरा को प्रदुषण से बचाना होगा! भिन्न- भिन्न धर्म यहाँ, भिन्न-…

दुर्गा के नौ रूप(दोहे)-केतन साहू “खेतिहर”

दुर्गा या आदिशक्ति हिन्दुओं की प्रमुख देवी मानी जाती हैं जिन्हें माता, देवी, शक्ति, आध्या शक्ति, भगवती, माता रानी, जगत जननी जग्दम्बा, परमेश्वरी, परम सनातनी देवी आदि नामों से भी जाना जाता हैं।शाक्त सम्प्रदाय की वह…

भक्ति पर कविता

भक्ति पर कविता तोरन पुष्प सजाय केउत्सव माँ के द्वार!!! गीत सुरीले गूँजते,लटके बन्दनवार!!!! नाम अनेको दे दिए,माई जग में एक!!! नामित ब्रम्हाचारिणी,कर लेंना अभिषेक!! परम सुखी परिवार होमाँग भक्ति के भीख!!! चरण…

हाथ जोड़कर विनय करू माँ

हाथ जोड़कर विनय करू माँ मंगल करनी भव दुख हरणी।माता मम् भव   सागर तरणी। हाथ जोड़कर विनय करू माँ।अर्ज दास की भी सुन लो माॅ  । निस दिन ध्यान करू…