बस्तर धाम पर कविता-शशिकला कठोलिया

बस्तर धाम पर कविता उच्च गिरि कानन आच्छादित,    छत्तीसगढ़ का यह भाग, प्रकृति की गोद में बसा ,सुंदर पावन बस्तर धाम । नदियों का कल कल प्रवाह ,कर रही सुंदर दृश्यों…

रावण दहन करो

रावण दहन करो ravan-dahan-dashara भीतर के रावण का दमन करो,फिर तुम रावण का दहन करो।पहले राम राज्य का गठन करोफिर तुम रावण का दहन करो। चला लेना तुम बाण को…

दर्द के जज़्बात

दर्द के जज़्बात अवाम दिखाती दर्द के जज़्बात, पर हुकूमत क्या समझे ? कही अनकही बात, लोगों का पैसा तो नहीं खैरात! आखिर इन गै़रकानूनी से कब मिलेगी निजात? ग़ुरूर करवा देगीएक दिन इंकलाब से मुलाक़ात, जब करे…

तुम नहीं होती तब – नरेन्द्र कुमार कुलमित्र

तुम नहीं होती तब चादर के सलवटों मेंबेतरतीब बिखरे कपड़ों मेंउलटे पड़े जूतों मेंकेले और मूंगफली के छिलकों मेंलिखे,अधलिखे और अलिखे मुड़े-तुड़े कागज़ के टुकडों में खुद बिखरा-बिखरा-सा पड़ा होता हूँ मेरे सिरहाने…

दशहरा पर कविता-शैलेन्द्र कुमार चेलक

किसी भी राष्ट्र के सर्वतोमुखी विकास के लिए विद्या और शक्ति दोनों देवियों की आराधना और उपासना आवश्यक है। जिस प्रकार विद्या की देवी सरस्वती है, उसी प्रकार शक्ति की…
Jai Sri Ram kavitabahar

रावण दहन पर कविता

दशहरा (विजयादशमी व आयुध-पूजा) हिन्दुओं का एक प्रमुख त्योहार है। अश्विन (क्वार) मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को इसका आयोजन होता है। भगवान राम ने इसी दिन रावण का वध किया था तथा देवी दुर्गा ने नौ रात्रि एवं दस दिन के युद्ध के उपरान्त महिषासुर पर विजय प्राप्त की थी। इसे…
doha sangrah

आर आर साहू के दोहे

आर आर साहू के दोहे कहाँ ढूँढता बावरे,तू ईश्वर को रोज।करनी पहले चाहिए,तुमको अपनी   खोज।। शब्द मात्र संकेत हैं,समझ,सत्य की ओर।सूर्य- चित्र से कब कहाँ,देखा होता भोर।। बस प्रतीक को…

अमित की कुण्डलियाँ

अमित की कुण्डलियाँ माता भव भयहारिणी, करिये हिय भयहीन।*जगजननी जगदंबिका, जीवन कृपा अधीन।जीवन कृपा अधीन, मातु सुत तुम्हीं सम्हारो।विनती बारंबार, व्यथा से हमें उबारो।कहे 'अमित' कविराज, आप ही सुख-दुख दाता।सुनिये…

माँ दुर्गा पिरामिड कविता

दुर्गा या आदिशक्ति हिन्दुओं की प्रमुख देवी मानी जाती हैं जिन्हें माता, देवी, शक्ति, आध्या शक्ति, भगवती, माता रानी, जगत जननी जग्दम्बा, परमेश्वरी, परम सनातनी देवी आदि नामों से भी जाना जाता हैं।शाक्त सम्प्रदाय की वह…