Author: कविता बहार

  • हिमालय पर कविता

    हिमालय पर कविता

    हिमालय पर कविता

    नेपाल, चीन सीमा पर स्थित,
    हिमालय पर्वत की चोटी।
    गंगा यही से निकलती है,
    पत्थरों के साथ बहती है।
    हिमालय को पर्वत राज,
    नाम से जाना जाता है।
    पर्वतों का राजा माउंट एवरेस्ट,
    सबसे ज्यादा ऊंची चोटी है।
    हिमालय पर्वत की ऊंची चोटी,
    मीटर मे है 8,848।
    62 साल पहले भारतीय सर्वे मे,
    नापा गया 29028 फीट।
    आंख हिमालय पर्वत से है,
    आंसू की कोई धार्मिक नहीं।
    शिव के आंखों से जब निकले आंसू,
    पृथ्वी पर गिरकर उगा रुद्राक्ष पेड़।
    सभी लोगों ने बखान किया,
    पर्वतराज हिमालय का।
    सुमेरू से लाये संजीवनी बूटी,
    राम भक्त महाबली हनुमान ने।
    उस पर्वत से मिला संजीवनी,
    सभी लोग गुणगान करने लगे।
    संजीवनी बूटी से जान बचा,
    राम भ्राता लक्ष्मण का,
    आंधी,तूफान आने पर,
    इसकी शरण मे रहते है।
    भारत का मान बढ़ा रहा,
    हिमालय की ऊंची चोटी।
    हिमालय पर्वत के आंचल मे,
    कई पवित्र स्थल हुये।
    जो बद्रीनाथ,केदारनाथ और,
    अमरनाथ नाम से जाने गये।
    भारत की शान हिमालय पर्वत
    हमे इसको बचाना है,
    ये भारत की शान है।

  • पर्यावरण संरक्षण पर कविता

    पर्यावरण संरक्षण पर कविता

    पर्यावरण संरक्षण पर कविता

    ओजोन परत

    दूषित हुई हवा
    वतन की
    कट गए पेड़
    सद्भाव के
    बह गई नैतिकता
    मृदा अपर्दन में
    हो गईं खोखली जड़ें
    इंसानियत की
    घट रही समानता
    ओजोन परत की तरह
    दिलों की सरिता
    हो गई दूषित
    मिल गया इसमें
    स्वार्थपरता का दूषित जल
    सांप्रदायिक दुर्गंध ने
    विषैली कर दी हवा
    आज पर्यावरण
    संरक्षण की
    सख्त जरूरत है

    -विनोद सिल्ला©

  • बिखराव पर कविता

    बिखराव पर कविता

    नफरतों ने
    बढ़ा दी दूरियां
    इंसान-इंसान के बीच

    बांट दिया इंसान
    कितने टुकड़ों में
    स्त्री-पुरुष
    अगड़ा-पिझड़ा
    अमीर-गरीब
    नौकर-मालिक
    छूत-अछूत
    श्वेत-अश्वेत
    स्वर्ण-अवर्ण
    धर्म-मजहब में
    खंड-खंड हो गया इंसान
    नित बढ़ता ही
    जा रहा है बिखराव

    -विनोद सिल्ला©

  • किसान की दशा पर कविता

    किसान की दशा पर कविता

    किसान की दशा पर कविता

    किसान खेत जोतते हुए
    23 दिसम्बर किसान दिवस 23 December Farmer’s Day

    देख तोर किसान के हाल
    का होगे भगवान !
    कि मुड़ धर रोवए किसान,
    ये का दुख दे भगवान !!

    पर के जिनगी बड़ सवारें,
    अपन नई थोरको फिकर जी !
    बजर दुख उठाये तन म,
    लोहा बरोबर जिगर जी !!
    पंगपंगावत बेरा उठ जाथे ,
    तभे होथे सोनहा बिहान !
    कि मुड़ धर रोवए किसान !!

    झुमत -गावत ओनहारी -सियारी ,
    देखे मन म खुश रहे किसान !
    सथरा नंगालीस पानी बईरी,
    देके कईसे लेेेगे भगवान !!
    ठेंगवा देखादेस दुलरवा बेटा ल,
    होगे अब मरे बिहान !
    कि मुड़ धर रोवए किसान !!

    पानी बिना धान झुरागे ,
    पनिहा अंकाल चना म आगे !
    करजा बोड़ी म बोए चना ,
    देखते देखत पानी म रखियागे !!
    सपना उजड़गे दूजराम के ,
    माढ़े रहिगे सबो गियान !
    कि मुड़ धर रोवए किसान !!

    दूजराम साहू
    निवास- भरदाकला
    तहसील- खैरागढ़
    जिला -राजनांदगाँव (छ ग)

  • हनुमत वंदना

    हनुमत वंदना

    चैत्र शुक्ल पूर्णिमा श्री हनुमान जयंती Chaitra Shukla Poornima Shri Hanuman Jayanti
    चैत्र शुक्ल पूर्णिमा श्री हनुमान जयंती Chaitra Shukla Poornima Shri Hanuman Jayanti

    राम नाम जाप कर, चित्त निज साफ कर,
    पवनसुत ध्यान धर,प्रभु को पुकारिये।
    भेद भाव भूल कर, क्रोध अहं नाश कर,
    बजरंगी शरण जा, जीवन सुधारिये।।
    राम भक्त हनुमान, करें नित्य गुणगान
    मंगल को पूज कर, जीवन सँवारिये।
    लाल देह सर्व प्रिय,सियाराम बसें हिय
    लडुअन के भोग हों, आरती उतारिये।

    प्रवीण त्रिपाठी, नोएडा, 25 फरवरी 2020