बाल कविता सुन्दर वन में – पद्ममुख पंडा

बाल कविता सुन्दर वन में – पद्ममुख पंडा

सुन्दर वन में, एक अजब सा खेल हो गया,
टिमकु भालू और चमकी बंदरिया का मेल हो गया।
आपस में, दोनों को इतना प्यार हो गया,
कि, हमेशा एक दूसरे का मदद गार हो गया।


जंगल में इसकी चर्चा खूब चलने लगी,
चंपक शेर को यह बात बहुत खलने लगी।
चमकी को बुलाकर, चंपक ने खूब डांटा,
“हमारे होते हुए, तुमने टिमकु को छांटा?,”


चमकी बोली अरे भाई आप तो महान् हैं,
टिमकू तो फिर भी आपके भाई समान है
अपने बड़े दिल में, मन को साफ़ कीजिए
मुझे भी बहन मानकर, आप माफ़ कीजिए।


#स्वरचित एवम् मौलिक रचना
पद्म मुख पंडा ग्राम महा पल्ली पोस्ट ऑफिस लोइंग जिला रायगढ़ छत्तीस गढ़

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