Category हिंदी कविता

mother their kids

माँ पर कविता – अभिलाषा

यहाँ माँ पर हिंदी कविता लिखी गयी है .माँ वह है जो हमें जन्म देने के साथ ही हमारा लालन-पालन भी करती हैं। माँ के इस रिश्तें को दुनियां में सबसे ज्यादा सम्मान दिया जाता है। माँ पर कविता –…

धरती माता रो रो कर करती यही पुकार

धरती माता रो रो कर करती यही पुकार धरती माता रो रो कर करती  यही पुकार ।न मेरा रूप बिगाड़ो रे मनुज तुम  मुझे  संवारो ।।महल बना कर बड़े बड़ेतुम बोझ न मुझ पर डालो ।पेड़ पौधों को काट काटकर न…

मौन बोलता है

मौन बोलता है हाँ !मैं ठहर गया हूँतुम्हारी परिधि में आकरसुन सको तोमेरी आवाज सुनना“मौन” हूँ मैं,मैं बोलता हूँपर सुनता कौन हैअनसुनी सी बात मेरीतुम्हारी “चर्या” के दरमियाँमेरी    “चर्चा”  कहाँ ,काल के द्वार परमुझे सब सुनते हैंजीवन संगीत संगमुझे सुन…

हे धरती के भगवान

हे धरती के भगवान हो तुम आसाधारण,तेरे कांधों पर दुनिया टिका है,तेरे खून के कतरे से ही  ,ये पावन धरती भिंगा है !!हे धरती के भगवान ,तु है बड़ा महान !! ऊसर भूमि उपजाऊ कर देता,कठोरता खुद हर लेता ,नित…

संवेदना के सुर बजे जब वेदना के तार पर

संवेदना के सुर बजे जब वेदना के तार पर संवेदना के सुर बजे               जब वेदना के तार पर।वाल्मिकी की संवेदना जगी                आहत पक्षी चित्कार पर।।१।।प्रथम कविता प्रकट भयी                  खुला साहित्य द्वार पर।कविता का नव सृजन                  पैनी कलम की धार पर।।२।।भिगी…

सही दिशा मिल जाए तो

सही दिशा मिल जाए तो उत्साह से परिपूर्ण होते हैं ये बच्चे,सही दिशा मिले ,तो विश्व को बदलते ये बच्चे, 1- प्यारे-दुलारे सबके सहारे होते हैं ये बच्चे,चहकते, खुशियों से भरपूर होते ये बच्चेसब के दुखों को हर लें ऐसे…

नहीँ बताई

नहीँ बताई समाचारों मेंअमितभ बच्चन कीलम्बाई भी बताई अटल बिहारी वाजपेयी कीकविताई भी बताई टाटा, बिड़ला, अम्बानी कीकमाई भी बताई मोदी की लाखों के सूट कीसिलाई भी बताई नेहरु के कपड़ों कीधुलाई भी बताई संजय दत्त की जेल सेरिहाई भी…

भगवान परशुराम पर कविता

भगवान परशुराम पर कविता त्रेतायुग के अयाचक ब्राह्मणभगवान विष्णु के छठे अंशावतारतुझे पाकर हे भार्गवधन्य हुआ संसार ।।भृगुवंश की माता रेणुकापिता जिनके जमदग्निसाक्षात प्रभु हे गुरू श्रेष्ठहे हवन कुंड की अग्नि ।।विधुदभि नाम के परशुधारीहे भृगुश्रेष्ठ अमित बलशालीसृष्टि के हरेक…

पालन अपना कर्म करो

पालन अपना कर्म करो पाया जीवन है मनुष्य का,पालन अपना कर्म करो ।जीव जंतुओं पशु पक्षी पर, व्यहार को अपने नर्म करो ।।जल प्रथ्वी से खत्म हो रहा ।और पारा बढ़ता गर्मी का ।।जीवों पर संकट मंडराए ।रहा अंश ना…