Category हिंदी कविता

चैत्र शुक्ल में मनाएं नवरात्रि त्यौहार

चैत्र शुक्ल में मनाएं नवरात्रि त्यौहार चैत्र शुक्ल में मनाएं ,नवरात्रि त्यौहार ।सुख वैभव भरपूर ,खुशियां मिले अपार ।। प्रथम दिवस शैलपुत्री कुँवारी कन्या माता ।पूजा करने वाला सुख-सम्पति पाता ।। ब्रह्मचारिणी देवी है, स्त्री रूप में गुरु ।ज्ञान आनंद…

मौत का कुछ तो इंतज़ाम करें

मौत का कुछ तो इंतज़ाम करें मौत का कुछ तो इंतज़ाम करें,नेकियाँ थोड़ी अपने नाम करें।कुछ सलीका दिखा मिलें पहले,बात लोगों से फिर तमाम करें।सर पे औलाद को न इतना चढ़ा,खाना पीना तलक हराम करें।दिल में सच्ची रखें मुहब्बत जो,महफिलों…

जग में तू आया मानव

जग में तू आया मानव इस जग में तू आया मानव,कर्म सुनहरा करने को।फिर क्यों बैठा सड़क किनारे,लिए कटोरा हाथों में।कंचन जैसे यह सुन्दर कायाव्यर्थ में कैसे झोंक दिया।आलस्य लबादा ओढ़के तूने,स्वाभिमान को बेच दिया।सक्षम  होकर  लाज  न आयी,बिना कर्म…

लोकतंत्र की हत्या

लोकतंत्र की हत्या आज भी सजा था मंचसामने थे बैठेअसंख्य श्रद्धालुगूंज रही थींमधुर स्वर लहरियाँभजनों कीआज के सतसंग मेंआया हुआ थाएक बड़ा नेताप्रबंधक लगे थेतौल-मौल मेंप्रवचन थे वही पुरानेकहा गया ‘हम हैं संत’संतों ने क्या लेनाराजनीति सेसमस्त श्रद्धालुओं नेकिया एक…

राम नवमी शुभ घड़ी आई

राम नवमी शुभ घड़ी आई राम नवमी  शुभ घड़ी आईअवध में जन्म लिये रघुराई ।।राम लक्ष्मण भरत शत्रुघनआये जगत पति त्रिभुवन तारण ।बाजत दशरथ आँगन शहनाईअवध में जन्म लिये रघुराई ।।सखियाँ मिलकर मंगल गातीजगमग जगमग दीप जलातीस्वर्ग से देवियाँ  फूल…

राधा की स्मृतियाँ

राधा की स्मृतियाँ रतजगे हैं हमने कई किये…प्रतीक्षा में तुम्हारी हे प्राणप्रिये !प्रति स्पन्दन संग नाम तुम्हाराहम राधे-राधे जपा किये ।।१।।वो यमुना-तट का तरु-तमालथा विरह-स्वर में देता तालस्मृति संग लय भी बंधती रहीमम छंदों की अनुमति लिये ।।२।।कभी सांसें हमारी,…

बेटी पर दोहे -सुकमोती चौहान

बेटी पर दोहे -सुकमोती चौहान १.बेटी होती लाड़ली,जैसे पुष्पित बाग।बिन बेटी के घर लगे, रंग चंग बिन फाग।। २.बेटी लक्ष्मी गेह की,अब तो नर लो मान।सेवा कर माँ बाप की,बनती कुल की शान।। ३.साक्षर होगी बेटियाँ,उन्नत होगा देशभर संस्कार समाज…

शानदार पार्टी

शानदार पार्टी चल रही थी खूब,अमीर दिलदार लोगों की पार्टी ,जहां शामिल होने के लिए ,किसी अनुमति की आवश्यकता नहीं ,और ना ही आवश्यकता है,निश्चित राशि की।बस एक मुस्कान के साथ कह दो ,मुझे भी शामिल करोगे यार।मां ने बस…

रोज ही देखता हूँ सूरज को ढलते हुए

रोज ही देखता हूँ सूरज को ढलते हुए दरख्त रोज ही देखता हूँसूरज को ढलते हुए!फिर अगली सुबह ,निकल आता है मुस्कुराकर!नयी उम्मीद और विश्वास लिए,मेरे पास अब उम्मीद भी नहीं बचीमेरे सारे पत्तों की तरह!सपने टूटने लगते हैंजब देखता…

बसन्त और पलाश

बसन्त और पलाश दहके झूम पलाश सब, रतनारे हों आज।मानो खेलन फाग को, आया है ऋतुराज।आया है ऋतुराज, चाव में मोद मनाता।संग खेलने फाग, वधू सी प्रकृति सजाता।लता वृक्ष सब आज, नये पल्लव पा महके।लख बसन्त का साज, हृदय रसिकों…