Category हिंदी कविता

जय हो तेरी बाँके बिहारी

जय हो तेरी बाँके बिहारी माँखन तुमने बहुत चुराए, बांसुरी तुमने बहुत बजाए,गोपियों को तुम बहुत सताए,माँ को उलहन बहुत सुनाए,ऐसी लीला करके गिरधर, पावन कर दीए धरा हमारी, जाऊँ मैं तुझपे बलिहारी,जय हो तेरी बाँके बिहारी ।।        बचपन…

बहुत याद आता हैं बचपन का होना

बहुत याद आता हैं बचपन का होना वो बचपन में रोना बीछावन पे सोना,,छान देना उछल कूद कर धर का कोना,,बैठी कोने में माँ जी का आँचल भिगोना,,माँ डाटी व बोली लो खेलो खिलौना,,बहुत याद आता हैं बचपन का होना।।…

कुछ ऐसा काम कर दिखाये हम

कुछ ऐसा काम कर दिखाये हम कुछ ऐसा काम कर दिखाये हम ।दुनियाँ को जन्नत सा बनाएँ हम ।। फिरकापरस्ती का जहर कम हो ।सबका मालिक एक बताएँ हम ।। कोई हिन्दू न कोई मुसलमान हो ।इंसान है इंसान ही…

अपनी भाषा हिन्दी

अपनी भाषा हिन्दी     गहरा संबंध है,सादगी और सौंदर्य मेंस्वाभाविकता और अपनत्व में।नकल में तो आती है,बनावट की बू।बोलने में सिकुड़ती हैनाक और भौं।जो है, उससे अलग दिखने की चाह।पकड़ते अपनों से अलग होने की राह।मत सोचिये कि निरर्थक कहे जा…

आओ मिलकर पेड़ लगाएं

आओ मिलकर पेड़ लगाएं सूनी धरा को फिर खिलाएंधरती मां के आंचल को हमरंगीन फूलों से सजाएंआओ मिलकर पेड़ लगाएं।। न रहे रिश्तों में कभी दूरियांचाहे हो गम चाहे मजबूरियांमिलकर घर सब सजाएंआओ मिलकर पेड़ लगाएं।। वन की सब रखवाली…

कलम से वार कर

कलम से वार कर परिणाम अच्छे हो या बुरे,,उसे सहर्ष स्वीकार कर,,किसी को दोषी मत ठहरा,,अपने आप का तिरस्कार कर,,समीक्षा कर अंतःकरण का,,और फिर कलम से वार कर ।।        जहाँ तुम्हें लगे मैं गलत हूँ,,       वहाँ बेझिझक अपनी हार…

सखी वो मुझसे कह कर जाते

सखी वो मुझसे कह कर जाते नैनन मेरे नीर भर गयेहृदय किया आशंकित हैगये होगें जिस मार्ग पे चलकेउस पथ उनके पग अंकित हैजाना ही था जब प्रियतम कोथोडी देर तो रह कर जाते !!१!!*सखी वो मुझसे*…………….. भोर भयी जब…

पहचान पर कविता

पहचान पर कविता कैद न करो बस पिंजरे मेंहमें नही चाहिए पूरा जहान ।अपने को मानते हो श्रेष्ठ तोहमें भी बनने दो नारी महान ।।जहाँ कोई मालिक न होऔर न हो यहाँ कोई गुलाम ।दोस्ती का रिश्ता हो बसदोस्ती ही…

woman-day

आह्वान गीत – नारी शक्ति को समर्पित

आह्वान गीत अभी और लड़ाई लड़नी है,तुमको  अपने अधिकार की |चुप होकर मत बैठो तुम,भेरी भरो हुंकार की || कितनी सदियां बीत गईं,पर तुम्हें न वो सम्मान मिला |चिंतन करना होगा तुम्हें,अपने निरादर हार की || अभी और… आज भी…

हाइकु

साँझ के हाइकु

साँझ के हाइकु 1 साँझ महके प्रिया जूड़े में फँसापिया को ताके ।। 2 साँझ पुकारे सूर्य शर्म से लाल चाँद जो झाँके ।। 3 साँझ का सूर्य बूढ़े की सुनो कोई देर क्यों हुई ? 4 रातें डराती प्रभू…