आज का भारत -आर्द्रा छंद
आज का भारत हवा चली है अब देश में जो विकास गंगा बहती मिली है ।आनंद वर्षा चहुँ ओर होती तरंग से आज कली खिली है ।। गरीब कोई मिलता नहीं है बेरोजगारी अब दूर भागे ।संसाधनों की कमियाँ नहीं …
आज का भारत हवा चली है अब देश में जो विकास गंगा बहती मिली है ।आनंद वर्षा चहुँ ओर होती तरंग से आज कली खिली है ।। गरीब कोई मिलता नहीं है बेरोजगारी अब दूर भागे ।संसाधनों की कमियाँ नहीं …
दोहा सप्तक *जो तू तोड़े फूल को , किया बड़ा क्या काम ।फूलों को मुरदा करे , खुश हो कैसे राम ।। *जीवन के सौन्दर्य से , जब होगी पहचान ।पायेगा तब ही मजा , सचमुच में इंसान ।। …
आया है मधुमास *भँवरे गुंजन कर रहे, आया है मधुमास।**उपवन की शोभा बनें, टेसू और पलाश।**टेसू और पलाश, संग में चंपा बेला।**गेंदा और गुलाब, सजा रंगों का मेला।**फुलवारी अरु बाग, बसंती रँग में सँवरे।**पी कर नव मकरंद, गुँजाते बगिया भँवरे।।1*…
भावासक्ति जब तुमसे श्याम भजन होगा ।तब यह काया प्रिय धन होगा ।।रुप धन को गर्व हित सँभाला ।मन मदिरा पीकर मतवाला ।।रस रसना के वश रहता है ।पर तिय माता तन तकता है ।।निज तन में गंध गरजता है…
मधुमासी चौपाइयाँ शरद शिशिर ऋतु कब के बीते, हाथ प्रकृति के रहे न रीते।दिनकर चले मकर के आगे, ठंडक सूर्य ताप से भागे।1बासंती मधुमास महीना, सर्व सुगन्धित भीना- भीना।घिरा कुहासा झीना-झीना, धरा सजी ज्यों एक नगीना।2कलियों पर हैं भ्रमर घूमते,…
नाराच ( पंच चामर ) छंद : 24 मात्रा, ज र ज र ज गुरु । महान देश की ध्वजा पुनीत राष्ट्र गान है ।उठे सदा झुके नहीं अतीत गर्व प्राण है ।।खड़े रहे डटे रहे मिसाल दे जवान …
मन में जो तू ठान ले / रामनाथ साहू ” ननकी “ मन में जो तू ठान ले ,कुछ भी करले मीत ।हौसला गिराना नहीं , होगी निश्चित जीत ।।चरण स्पर्श है बंदगी , कृपा करे सब संत ।मन के…
उठो सपूत ल ला – ल ला – ल ला – ल ला – ल ला – ल ला – ल ला – ल ला उठो सपूत राष्ट्र के, जगा रही तुम्हें धरा।पुनः महान देश हो, विचार ये करो जरा।1प्रबुद्ध…
सरस्वती वंदना माँ सरस्वती शारदेबुद्धि प्रदायिनी ज्ञानदायिनीपद्मासना श्वेत वस्त्रा माँअज्ञानता हर ज्ञान दे माँ हंसवाहिनी।तेरे चरणों की पावन रज कणललाट पर मेरे सुशोभित रहे माँविस्तार हो मेरे ज्ञान का असीमितकलम मेरी वरदहस्त रहे माँ।धूप दीप नैवेद्य शुभ अर्चन वंदनकष्ट पीर…
स्वीकारो प्रणाम माँ नर्मदे प्रणाम है अहो प्रणाम , जयति माँ नर्मदे ।पतित पावनी अभिराम , जयति माँ नर्मदे ।।हे कलि कलुष निवारिणी , जयति माँ नर्मदे ।अखण्डित तपश्चारिणी , जयति माँ नर्मदे ।।मेकल सुता सिद्धिप्रदा , तुमको प्रणाम है…