चलो चले खेल खेलें

चलो चले खेल खेलें

कविता संग्रह
कविता संग्रह

दुनिया को रंग दे खेल के रंगों से ;
चलो चलें खेल खेले , चलो चलें खेल खेले ।
मिलकर हम सब खेल खेले ।

छोटे से मैदान से अपने आप को निकालकर ,
ओलपिंक मे अपना नाम बना ले,
वर्ल्ड रिकॉर्ड अपने नाम करने की तैयारी कर ले,
चलो चलें खेल खेले ।।

अपनी इस छोटी सी पहचान को ,
दुनिया के सामने रखकर,
तैयारी जीत की कर ले,
चलो चलें खेल खेले ।।

कबड्डी के मैदान में अंतिम खिलाड़ी ,
बचने पर भी अपनी टीम को जीता दे;
ऐसी तैयारी कर ले ,
चलो चलें खेल खेले ।।

सबकी आशाओ से ज्यादा ,
दुनिया वालों को अपने ;
देश का राष्ट्रगान सुना दे ,
ऐसा निर्णय कर ले ,
चलो चलें खेल खेले ।।

क्रिकेट, फुटबाॅल, हाॅकी,टेनिस ,
आदि खेलो का मार्गदर्शन कर ले ;
मेजर ध्यान चंद्र खेल रत्न पुरस्कार पा ले,
चलो चलें खेल खेले ॥
चलो चलें खेल खेले ॥

रबिना विश्वकर्मा ( उ•प्र•;;जिला जौनपुर ;हथेरा )
पिन:: 222128

कविता बहार

"कविता बहार" हिंदी कविता का लिखित संग्रह [ Collection of Hindi poems] है। जिसे भावी पीढ़ियों के लिए अमूल्य निधि के रूप में संजोया जा रहा है। कवियों के नाम, प्रतिष्ठा बनाये रखने के लिए कविता बहार प्रतिबद्ध है।

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