जून दुपहरिया में जून दुपहरिया मे देहिया जरेला |सूखल होठवा पियासिया लगेला | सुना मोरे सइया |कईसे बीतिहे गरमिया के दिनवा हमार |सुना मोरे सइया | पेड़वा का छांव नाही ,चले…
मैं रीढ़ सा जुडा इस धरा से मैं रीढ़ सा जुडा इस धरा से,। मैं मरुं नित असहनीय पीडा से, मैं गुजरता नित कठिन परिस्थितियों से, मेरी सुंदरता कोमल शाखाओं से,उमर से पहले…
तुम पर लगे इल्जामातमुझे दे दो तुम अपने अश्कों की सौगातमुझे दे दोअश्कों में डूबी अपनी हयातमुझे दे दो जिस रोशनाई ने लिखेनसीब में आंसूखैरात में तुम वो दवातमुझे दे…
मानवता की छाती छलनी हुई विमल हास से अधर,नैन वंचित करुणा के जल से।नहीं निकलती पर पीड़ा की नदीहृदय के तल से।। सहमा-सहमा घर-आँगन है, सहमी धरती,भीत गगन है ।लगते हैं अब…
कंगन की खनक समझे चूड़ी का संसार HINDI KAVITA || हिंदी कविता नारी की शोभा बढ़े, लगा बिंदिया माथ।कमर मटकती है कभी, लुभा रही है नाथ। कजरारी आँखें हुई, काजल…
धूल पर दोहे पाहन नारी हो गई,पाकर पावन धूलप्रभु श्रीराम करे कृपा,काँटे लगते फूल महिमा न्यारी धूल की,केंवट करे गुहारप्रभु पग धोने दीजिए,तभी चलूँ उस पार मातृभूमि की धूल भी,होता…
मानव समानता पर कविता HINDI KAVITA || हिंदी कविता हम मानव मानव एक समान।हम सब मानव की संतान ।धर्म-कर्म भाषा भूषा से ,हमको ना किञ्चित् अभिमान ।हिंदू की जैसे वेद…