मुक्तिबोध: एक आत्मसातात्मक प्रयास

मुक्तिबोध: एक आत्मसातात्मक प्रयास

मुक्तिबोध: एक आत्मसातात्मक प्रयास क्यों मैं रातों को सो नहीं पाताअनसुलझे सवालों का बोझ ढो नहीं पाता…रूचि, संस्कार, आदत सब भिन्न होते हुए भीक्यों मुक्तिबोध से दूर हो नहीं पाता…क्यों…

आओ हम सौगंध उठाएँ

आओ हम सौगंध उठाएँ प्रेम, सौहार्द्र, भ्रातृत्व भाव कीधरा पर अखंड ज्योति जलाएँभेदभाव न हो  जाति धर्म काआओ  हम  सौगंध  उठाएँ lईश्वर, अल्लाह, राम, रहीम कीपूज्य धरा को  स्वर्ग  बनाएँएक…

हमर गंवई गाँव

हमर गंवई गाँव 1 आबे आबे ग सहरिया बाबूहमर गंवई गाँवगड़े नही अब कांटा खोभातुंहर कुँवर पांवआबे आबे सहरिया बाबूहमर गंवई गाँव।। 2 गली गली के चिखला माटीवहु ह अब…

बचपन पर कविता

बचपन पर कविता चिलचिलाती हुई धूप मेंनंगे पाँव दौड़ जाना,याद आता है वो बचपनयाद आता है बीता जमाना।माँ डांटती अब्बा फटकारतेकभी-कभी लकड़ी से मारतेभूल कर उस पिटाई कोजाकर बाग में…

अचरज मा परगे

अचरज मा परगे कोठी तो बढ़हर के* छलकत ले भरगे।बइमानी के पेंड़ धरे पुरखा हा तरगे॥अंतस हा रोथे संशो मा रात दिन।गरीब के आँसू हा टप-टप ले* ढरगे॥सुख के सपुना…
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बच्चे होते मन के अच्छे

बच्चे होते मन के अच्छे खेल कूद वो दिन भर करते,रखते हैं तन मन उत्साह।पेड़ लगा बच्चे खुश होते,चलते हैं मन मर्जी राह।।मम्मी पापा को समझाते,बन कर ज्ञानी खूब महान।बात…

अभाव-गुरु

अभाव-गुरु "उस वस्तु का नहीं होना" मैं,जरूरत सभी जन को जिसकी।प्रेरक वरदान विधाता का,सीढ़ी मैं सहज सफलता की।।1अभिशाप नहीं मैं सुन मानव,तेरी हत सोंच गिराती है।बस सोंच फ़तह करना हिमगिरि,यह…

सीमा पर है जो खड़ा

सीमा पर है जो खड़ा                           सीमा पर है जो खड़ा ,                          अपना सीना तान ।उसके ही परित्याग से ,                         रक्षित  हिंदुस्तान ।।रक्षित    हिंदुस्तान ,                   याद कर सब कुरबानी ।करे…