चेहरे पे कई चेहरे / राजकुमार मसखरे

mask

चेहरे पे कई चेहरे / राजकुमार मसखरे चेहरे पे लगे हैं कई चेहरेइन्हें पढ़ना आसान नही,जो दिखती है मुस्कुराहटेंवो नजरें हैं दूर और कहीं ! इतने सीधे-सादे लगते हैंजो मुखौटा लगाए बैठे हैं,ये निर्बलों व असहायों केजज़्बातों के गला ऐठें हैं ! मासूम चेहरा,इरादे खिन्नभीतर राज छुपा रखते हैं,जब भी मौका मिले इन्हें गरल वमन … Read more

रामजी विराजेंगे / रमेश कुमार सोनी

Jai Sri Ram kavitabahar

रामजी विराजेंगे / रमेश कुमार सोनी रामजी आए हैं संग ख़ुशियाँ लाए हैं सज-धज चमक रही हैं गलियाँपलक-पाँवड़े बिछे हैं सबकेरंगोलियाँ लगी दमकने हो गए हैं सबके वारे-न्यारे जन्मों के सोये भाग लगे मुस्काने। अभागे चीखते रहेये बनाओ,वो बनाओ-बनेगा वही जो‘होइहैं वही जो राम रुचि राखा’,जगमग हैं घर-घरौंदेंसजधज लौटी है दीवालीआनंद मगन नाच रहे हैं … Read more

छत्तीसगढ़ में रिश्ता राम के/ विजय कुमार कन्नौजे

Hindi Poem ( KAVITA BAHAR)

छत्तीसगढ़ में रिस्ता राम के / विजय कुमार कन्नौजे छत्तीसगढ़ के मैं रहइयाअड़हा निच्चट नदान।छत्तीसगढ़ में भाॅंचा लामानथन सच्चा भगवान। बहिनी बर घातेच मयामिलथे गजब दुलारदाई के बदला मा बहिनी देथे गा मया भरमार। कौशल्या दीदी बड़ मयारू छत्तीसगढ़ के शानजेकर गोदी म जनम धरिसश्री राम चंद्र भगवान । बारा बच्छर बन मा काटिसछत्तीसगढ़ के … Read more

विकलांग नहीं दिव्यांग है हम

विकलांग नहीं दिव्यांग है हम

3 दिसम्बर दिव्यांग दिवस :- पर सभी दिव्यांग जनों को सादर समर्पित विकलांग नहीं दिव्यांग है हम आँखे अँधी है, कान है बहरे ,हाथ पांव भी भले विकल ।वाणी-बुद्धि में बनी दुर्बलता ,विश्वास-हौसला सदा अटल । अक्षमताओं से क्षमता पैदा कर ,विकलांग से हम दिव्यांग कहाए ।परिस्थितियों से लोहा लेकर ही ,काँटो-पथ पर फूल खिलाए … Read more

महापर्व संक्रांति / रवि रश्मि ‘ अनुभूति ‘

patang subh makar sankranti

महापर्व संक्रांति / रवि रश्मि ‘ अनुभूति ‘ मधुर – मृदु बोल संक्रांति पर , तिल – गुड़ – लड्डू के खाओमिलजुलकर सभी प्रेम – प्यार , समता , सौहार्द बढ़ाओमहापर्व संक्रांति लाए सदा , खुशहाली चहुँ ओर ,पतंग उड़ाओ , शुभकामनाएँ लेते – देते जाओ । आया – आया करो स्वागत , पर्व संक्रांति … Read more