नंदावत हे बिसरावत हे

प्रस्तुत कविता नंदावत हे बिसरावत हे अनिल जांगड़े द्वारा रचित है जिसमें बताया गया है कि किस प्रकार से वक्त के साथ बहुत सारी चीजें अनुपयोगी होकर उनके स्थान पर…
village based Poem

मोर गांव मोर मितान

मोर गांव मोर मितान जिसके रचनाकार अनिल जांगड़े जी हैं । कविता ने ग्रामीण परिवेश का बहुत सुंदर वर्णन किया है। आइए आनंद लें । मोर गांव मोर मितान मोर…
mother their kids

माँ पर गजल

यहां पर माधुरी डर सेना द्वारा माँ पर बेहतरीन ग़ज़ल लिखा गया है।यहाँ मान पर हिंदी कविता लिखी गयी है .माँ वह है जो हमें जन्म देने के साथ ही…

आज कल अवसाद से गुजर रहा हूं मैं

*ग़ज़ल* आज कल अवसाद से गुज़र रहा हूं मैं। बिना तेरे निबाह! कैसे उमर रहा हूं मैं। एक उम्र तक जिंदगी से गिला न रहा, जिंदगी के साये से अब…

आस टूट गयी और दिल बिखर गया

ग़ज़ल* •••••••••••••••••••••••••••••••••• आस टूट गयी और दिल बिखर गया। शाख से गिरकर कोई लम्हा गुज़र गया। उसकी फरेबी मुस्कान देख कर लगा, दिल में जैसे कोई खंजर उतर गया। आईने…

खुदा ने अता की जिन्दगी -अनिल कुमार गुप्ता अंजुम

खुदा ने अता की जिन्दगी खुदा ने अता की जिन्दगी तुझेमुहब्बत के लिए क्यूं कर बैठा तू दूसरों से नफरतअपने अहम् के लिए खुदा ने अता की जिन्दगी तुझेएक अदद…

रंग देहूं तोला अपन रंग मा ओ

होली वसंत ऋतु में मनाया जाने वाला एक महत्वपूर्ण भारतीय और नेपाली लोगों का त्यौहार है। यह पर्व हिंदू पंचांग के अनुसार फाल्गुन मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है।…

भगत सिंह की फांसी से 12 घंटे पहले की कहानी

लाहौर सेंट्रल जेल 23 मार्च 1931 हुआ सवेरा एक नई बहार आई तूफान से मिलने देखो आंधी भी आई कैदियों को अजीब लगा जब चरत ने आकर उनसे कहा सभी…

लोकन बुढ़िया-नरेंद्र कुमार कुलमित्र

लोकन बुढ़िया स्कूल कैंपस के ठीक सामनेबरगद के नीचेनीचट मैली सूती साड़ी पहनीमुर्रा ज्वार जोंधरी के लाड़ूऔर मौसमी फल इमली बिही बेर बेचतीवह लोकन बुढ़ियाआज भी याद है मुझे उस…