शेष शव शिव पर कविता / रेखराम साहू
शेष शव शिव पर कविता / रेखराम साहू शेष शव,शिव से जहाँ श्रद्धा गयी सभ्यता किस मोड़ पर तू आ गयी,कालिमा तुम पर भयंकर छा गयी। लालिमा नव भोर की है लीलकर,पूर्णिमा की चाँदनी, तू खा गयी। चाट दी चौपाल तुमने ऐ चपल !एकता का तीर्थ तू ठुकरा गयी। उड़ रही आकाश में अभिमान से … Read more