शीतल छाया दे रहे – विनोद सिल्ला

शीतल छाया दे रहे शीतल छाया दे रहे, परउपकारी पेड़। हरे पेड़ को काट कर, कुदरत को ना छेड़।।पेड़ दे रहे औषधी, ले के रहो निरोग।पेड़ लगाने चाहिए, काट रहे…

कहाँ गई कागज की कश्ती – प्यारेलाल साहू

कहाँ गई कागज की कश्ती - प्यारेलाल साहू कहाँ गई कागज की कश्ती।कहाँ गई बचपन की मस्ती।।बचपन कितना था मस्ताना।कभी रूठना और मनाना।।साथ साथ खेला करते थे।आपस में फिर हम…

निवेदन करें हम महादेव प्यारे – उपमेंद्र सक्सेना

निवेदन करें हम महादेव प्यारे - उपमेंद्र सक्सेना कविता संग्रह गीत- उपमेंद्र सक्सेना एडवोकेटबने आप भोले जहर पी लिया सब, लगें आप हमको सब से ही न्यारेनिवेदन करें हम महादेव…

स्वास्थ्य पर सजगता – विनोद सिल्ला

स्वास्थ्य पर सजगता सेहत सुविधा कम हुई, बढ़े बहुत से रोग| दाम दवाओं के बढ़े, तड़प रहे हैं लोग||अस्पताल के द्वार पर, बड़ी लगी है भीड़|रोग परीक्षण हो रहे, सब…

चुगली रस – विनोद सिल्ला

चुगली रस मीठा चुगली रस लगे, सुनते देकर ध्यान। छूट बात जाए नहीं, फैला लेते कान।।चुगलखोर सबसे बुरा, कर दे आटोपाट।नारद से आगे निकल, सबकी करता काट।।चुगली सबको मोहती, नर…

पावस पर कविता – नीरामणी श्रीवास नियति

पावस पर कविता फागुन महिना पर हिंदी कविता पावस ऋतु अब आ गई , घिरी घटा घनघोर ।चमचम चमके दामिनी , बादल करते शोर ।।बादल करते शोर , भरे नदिया…

अनजान लोग – नरेंद्र कुमार कुलमित्र

कविता संग्रह अनजान लोग कितने अच्छे होते हैं अनजान लोगउनको हमसे कोई अपेक्षा नहीं होतीहमें भी उनसे कोई अपेक्षा नहीं होतीहम गलत करते हैंकि अनजानों से हमेशा डरे डरे रहते…

तेरी यादों का सामान – सुशी सक्सेनास

तेरी यादों का सामान कविता संग्रह तेरी यादों का सामान अभी भी पड़ा है मेरे पासजो दिलाता है तेरे करीब होने का अहसास।कुछ मुस्कुराहटें जो दिल में घर कर गई,…

सावन का चल रहा महीना – उपमेंद्र सक्सेना एडवोकेट

सावन का चल रहा महीना वर्षा ऋतु विशेष कविता सपने अब साकार हो रहे, जो थे कब से मन में पालेसावन का चल रहा महीना, देखो सबने झूले डाले।पत्थर पर…

आहट पर कविता – विनोद सिल्ला

आहट पर कविता कविता संग्रह सिंहासन खतरे मेंहो ना होसिंह डरता है हर आहट सेआहट भीप्रतीत होती है जलजलाप्रतीत होती है उसे खतरावह लगा देता हैऐड़ी-चोटी का जोरकरता है हर…