महामानव अटल बिहारी बाजपेयी पर कविता
मानवता के प्रेणता थे।
राष्ट के जन नेता थे।
भारत माँ के थे तुम लाल।
प्रजातंत्र में किया कमाल।।
विरोधी भी कायल थे।
दुश्मन भी घायल थे।।
पत्रकार व कवि सुकुमार।
प्रखर वक्ता में थे सुमार।।
जीवन की सच्चाई लिखने वाले।
सबके दिलो को जीतने वाले।।
तुम्हारे मृत्यु पर दुनिया रोया है।
आसमान मे घने कोहरे होया है।।
प्रकृति मे कभी -कभी ,
हमने ऐसा देखा है।
महामानव के रूप में,
हमने तुम्हे देखा है।।
माँ भारती ने अपना ,
दुलारा लाल खोया है।
तम्हारे वदाई पर,
पुरी दुनिया रोया है।।
चिन्ता राम धुर्वे
ग्राम -सिंगारपुर(पैलीमेटा)