महदीप जंघेल की कविता
महदीप जंघेल की कविता बचपन जीने दो भविष्य की अंधी दौड़ में,खो रहा है प्यारा बचपन।टेंशन इतनी छोटी- सी उम्र में,औसत उम्र हो गया है पचपन। गर्भ से निकला नहीं कि,जिम्मेदारी के बोझ तले दब जाते,आपको ये बनना है,वो बनना…

हिंदी कविता संग्रह

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महदीप जंघेल की कविता बचपन जीने दो भविष्य की अंधी दौड़ में,खो रहा है प्यारा बचपन।टेंशन इतनी छोटी- सी उम्र में,औसत उम्र हो गया है पचपन। गर्भ से निकला नहीं कि,जिम्मेदारी के बोझ तले दब जाते,आपको ये बनना है,वो बनना…

यहाँ पर मनीलाल पटेल उर्फ़ मनीभाई नवरत्न की 10 कवितायेँ एक साथ दिए जा रहे हैं आपको कौन सी कविता अच्छी लगी हो ,कमेंट कर जरुर बताएँगे. हिंदी कविता 1 आगे बढ़ो आगे बढ़ो , आगे बढ़ो ,पीछे ना हटो…

कवि रमेश कुमार सोनी की कविता बसंत के हाइकु – रमेश कुमार सोनी 1 माली उठाते/बसंत के नखरे/भौंरें ठुमके। 2 बासंती मेला/फल-फूल,रंगों का/रेलमपेला। 3 फूल ध्वजा ले/मौसम का चितेरा/बसंत आते। 4 बागों के पेड़/रोज नया अंदाज़/बसंत राज। 5 बासंती जूड़ा/रंग-बिरंगे…
भारत के प्रथम सीडीएस वीर बिपिन रावत जी का गुणगान कविता के माध्यम से किया गया है।
प्रस्तुत हिंदी कविता का शीर्षक मनुष्य का मन जोकि ताज मोहम्मद है. इसे मानव जीवन को आधार मानकर रची गयी हैं".
प्रस्तुत हिंदी कविता का शीर्षक अपने पापा की मैं हूँ। है जोकि ताज मोहम्मद की रचना है. इसे बेटी को आधार मानकर रची गयी हैं".
बचपन में माँ हमें लोरी सुनाती है माँ के बड़े होने पर वह रात मे सो नही पाती तब उसे सुलाने केलिए किए गये जतन का चित्रण
प्रस्तुत हिंदी कविता का शीर्षक "अशक्तता पर विजय" है जो कि आशीष कुमार मोहनिया, बिहार की रचना है. इसे अंतरराष्ट्रीय दिव्यांग दिवस के उपलक्ष्य में दिव्यांग व्यक्ति के स्वाभिमान पूर्वक जीवन जीने की ललक एवं चेष्टा को आधार मानकर लिखा गया है.
विश्व एड्स दिवस पर लेख एड्स एक लाइलाज बीमारी है, जिसके फैलने का सबसे बड़ा कारण असुरक्षित यौन संबंध है, इस बीमारी से असल में बचाव सिर्फ सुरक्षा में निहित है। एचआईवी/ एड्स से ग्रसित लोगों की मदद करने के…
सुकमोती चौहान “रुचि” की 10 रचनाएँ एक अंकुरित पौधा एक अंकुरित आम , पड़ा था सड़क किनारे ।आते जाते लोग , सभी थे उसे निहारे ।।खोज रहा अस्तित्व , उठा ले कोई सज्जन ।दे दे जड़ को भूमि , लगा…

मानव को प्रकृति की रक्षा के लिये सचेत करना
यहाँ पर मुकुटधर पांडेय की कुछ लोकप्रिय कवितायेँ प्रस्तुत की जा रही हैं जो भी आपको अच्छा लगे कमेट कर जरुर बताएँगे मेरा प्रकृति प्रेम / मुकुटधर पांडेय हरित पल्लवित नववृक्षों के दृश्य मनोहरहोते मुझको विश्व बीच हैं जैसे सुखकरसुखकर…