मोची पर कविता – आशीष कुमार
प्रस्तुत हिंदी कविता "मोची" के रचयिता आशीष कुमार (मोहनिया, बिहार) हैं. इस कविता को "मोची" के जीवन को आधार मानकर रचा गया है.

हिंदी कविता संग्रह

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प्रस्तुत हिंदी कविता "मोची" के रचयिता आशीष कुमार (मोहनिया, बिहार) हैं. इस कविता को "मोची" के जीवन को आधार मानकर रचा गया है.
दिल्ली देश की राजधानी है जहा राजनितिक हलचल का केंद्र रही है है एक कटाक्ष है दिल्ली के ऊपर / दिल्ली ने हमें क्या दिया और दिल्ली के दिल में क्या है /
हिंदी काव्य में नवीन विधि और प्रयोग के रूप में सृजित स्वरचित प्रेरणादायक अमात्रिक काव्य रचना --एक कदम चल...

तितली द्वारा चीटी का मजाक उड़ाना फिर भी चींटी द्वारा तितली की मदद करना
इस ग़ज़ल के माध्यम से संसार की भंगुरता और अस्थिरता की बात की जा रही है।अपने कर्तव्ययों का निष्ठापूर्वक निर्वहण करके गीता के आप्त वचनों को अंगीकार करने एवं सवेदनशील रहने की बात की गई है।
यह मेरी मौलिक जागरण कविता है,जो उपेन्द्रवज्रा छंद में है।जब कभी मन जीवन के उद्देश्य से भटककर नैराश्य और अंधकार की ओर प्रवृत होने लगता है,तब यह कविता नई ऊर्जा और नया उद्देश्य देती है।
समाज में रहने वाले राक्षस का दहन करें
सुई- धागा द्वारा संदेश- जीवन में साथ का महत्व
प्रस्तुत हिंदी कविता का शीर्षक "मुक्ति संघर्ष है" जोकि 'आशीष कुमार' मोहनिया, कैमूर, बिहार की रचना है. इसे स्वतंत्रता को आधार मानकर रचा गया है
नारी का महत्व का वर्णन कविता के माध्यम से किया गया है।
मेरे बाबा का बक्सा
प्रस्तुत संध्या-वन्दन राजेश पाण्डेय वत्स छत्तीसगढ़ द्वारा रचित है. शुभ संध्या नभ तले (संध्या-वन्दन) दिन रात संधिकाल, शुभ लग्न संध्या हाल,तारागण झाँक पड़े,पल सुखदाई में! नीड़ दिशा उड़ी दल,विहगों की कोलाहल,तिमिर को न्यौता मिला,सुर शहनाई में! लाडली सुन्दरी शाम, पल…