नवदेवियों पर हिंदी कविता -डॉ. चंद्रेश कुमार छतलानी
यह नवदेवियों पर आधारित हिंदी कविता है जो कि डॉ. चंद्रेश कुमार छतलानी द्वारा रचित है.

हिंदी कविता संग्रह

हिंदी कविता संग्रह
यह नवदेवियों पर आधारित हिंदी कविता है जो कि डॉ. चंद्रेश कुमार छतलानी द्वारा रचित है.
प्रस्तुत कविता का शीर्षक - "कन्या - पूजन या भ्रूण हत्या" समाज के उन लोगों से सवाल है जो एक तरफ तो देवी स्वरूपा कन्या का पूजन करते हैं वहीं अपने परिवार में बेटी होने का दुःख मनाते हैं। इसी विषय वस्तु को आधार मानकर रची गई है।
मौसम कभी कभी सुहावना होता है ।।
इस कविता में स्त्री के विविध रूपों में उसकी विविध शक्तियों को दर्शाया गया है। जो यथार्थ जीवन से जुड़ी हुई हैं।

बेटियाँ अनमोल है इसको बताती यह कविता
माँ जगदंबा जिन जिसने भावो में स्थित हैं उनका स्तुतिगान
प्रस्तुत कविता मां दुर्गा के विविध रूप को आधार बनाकर लिखी गई है। जिसे चारूमित्रा ने लिखी है।
जीवन यात्रा में बहुत कुछ अकारण होते,रचते रहना चाहिए। वृत्ताकार और यंत्रवत जीवन जीने से मर सा जाता है आदमी और निष्प्राण हो जाती है उसके अंदर की आदमियत...
दुर्गा का निरूपण सिंह पर सवार एक देवी के रूप में की जाती है। दुर्गा देवी आठ भुजाओं से युक्त हैं जिन सभी में कोई न कोई शस्त्रास्त्र होते है। उन्होने महिषासुर नामक असुर का वध किया। महिषासुर (भैंसा जैसा…
देश भक्ति से प्रेरित
नन्ही सी चिड़िया कितनी मेहनत से घोसला बनती है बिना किसी स्वार्थ के एक दिन सभी बच्चे छोड़ जाते है और उड़ जाते है खुले आसमान में . हमें कुछ सिख मिलती है इस से ..
"अदम्य चाह", शीर्षक की कविता, एक मध्यमवर्ग की भारतीय स्त्री की दिली हसरत है। बेटी जन्म से बंधनों में रहती है, परिवार, समाज के सैकड़ों पहरे और प्रश्न झेलती है, शादी के बाद तो पहरे और भी बढ़ जाते हैं। मेरा स्वयं का मन एक स्वच्छंद जीवन के लिए तरसता है, मुझे लगता है कि मैने स्त्री मात्र की हार्दिक इच्छा को शब्द दिये हैं.