भ्रूण हत्या पर कविता

भ्रूण हत्या पर कविता भ्रूण हत्या का मचा एक नीरव रोर है,चोरी छिपे लिंग जाँच हर दिशा हर ओर है।जाने क्यों बेटी की हत्या का शौक ये चढ़ आया,गर्भ में ही भेदभाव का ये कृत्य सबको भाया। अपने ही कोख के अंश का माँ गला घोंट देती है,लिंग जाँच में बेटा हो तो हत्या रोक … Read more

जब लेखनी मुँह खोलती है

जब लेखनी मुँह खोलती है जिंदगी में कुछ अपनो के किस्से खास होते हैंछलते हैं वे ही हमें जो दिल के पास होते हैं।वंचना भी करते हैंफिर भी खुशी की आस होते हैंलहरों के नर्तन में नाविक का विश्वास होते हैं। न जाने क्यों फिर भी हम उनके साथ होते हैंवे ही हमारी सुबह शाम … Read more

सायली छंद में रचना

सायली छंद में रचना चेहरादेख सकूँनसीब में कहाँबिटिया दूरबसेरा। अहसासबस तुम्हारापल-पल यादसताती रहीआज। यादआते रहेवो पल हरदमजो सुनहरेबीते। तेरीनटखट शैतानियाँमहकता रहता था।घर आँगनमेरा। अर्चना पाठक (निरंतर)अम्बिकापुर

माता शारदे वंदन

माता शारदे वंदन करूँ -भुवन बिष्ट माता शारदे वंदन करूँ।                     मिले अब वरदान।।वाणी में विराजती माता।                       सदा देना ज्ञान।।आलोकित हो हर पथ मेरा।                       लेखनी पहचान।।होवे विनती यह बार बार।                      माता हो महान।।सदा सदा सच पथ पर होता।                     मातु का गुणगान।।वीणावादनी माता सदा।                      मिट जाये अज्ञान।।                     …भुवन बिष्ट             रानीखेत, उत्तराखंड ======================

जब होगा महक मिलन

जब होगा महक मिलन मिला किताब में सूखा गलाब,देख फिर  ताजगी सी आई। याद आ गया वो सारा मंजरफिर खुद से खुद ही शरमाई। वो हसीन पल थे खुशियों भरासाज बजा ज्यो रागिनी आई। धड़कने दिल  की हुई बेकाबूगात ने ली फिर से अंगड़ाई। अब जब होगा “महक” मिलनसोंच अंग में सिहरन भर आई।   … Read more