लोकगीत व लोक नृत्य

शिवकुमार श्रीवास “लहरी” द्वारा रचित यह दोहा कविता भारतीय लोक कलाओं, विशेषकर लोक नृत्यों के प्रति गहरा आदर और चिंता व्यक्त करती है। कवि ने अपनी कविता के माध्यम से लोक नृत्यों के महत्व, उनकी समृद्ध विरासत और वर्तमान समय…

चल स्कूल जाबो / अकिल खान

             चल स्कूल जाबो शिक्षा के बीना,जिनगी हर नरक बरोबर हे, ज्ञान के मंदिर स्कूल,हमर सबके धरोहर हे। मन के मन मस्तिष्क मा,स्कूल के तस्वीर हे, पुस्तक के हर एक पन्ना मा,अपन तकदीर हे। पढ़ लिख के एक दिन कामयाब…

शिक्षक का कमाल / अकिल खान

शिक्षक का कमाल मुर्ख को ज्ञानी बनाकर दिखाया है,जिसने, अशिक्षा रूपी दानव को मिटाया है,उसने। शिक्षा के दीपक से रौशन हुआ सर्व-समाज, उचित-अनुचित की समझ का हुआ आगाज। जो शिक्षा पे हो कुर्बान वही है,सच्चा लाल, ज़माना याद करता रहेगा,शिक्षक…

समाजसेवी डिजेंद्र कुर्रे मदर टेरेसा सेवा रत्न सम्मान से सम्मानित हुए

समाजसेवी डिजेंद्र कुर्रे मदर टेरेसा सेवा रत्न सम्मान से सम्मानित हुए बसना – बसना अंचल की युवा साहित्यकार एवं समाजसेवी डिजेंद्र कुर्रे को मदर टेरेसा सेवा रत्न सम्मान 2024 से सम्मानित किया गया। इस उपलब्धि के लिए कविता बहार के…

विज्ञान हर जगह की बुनियाद/ मनीभाई नवरत्न

विज्ञान की महिमा को सलाम करती यह कविता छात्रों में जिज्ञासा और सीखने की प्रेरणा जगाने के लिए लिखी गई है।यह रही विज्ञान पर एक कविता: विज्ञान है वो रोशनी,जो हर अंधेरे को मिटाती है,ज्ञान की किरण बनकर,सच की राह…