
प्रियतम पर कविता
प्रियतम कितने प्यारे हो प्रियतम कितने प्यारे हो,मेरी आँखों से पूछो।पढ़ लो इन अँखियों में बस एक नजर देखो।बसे हो श्वांस श्वांस में न बिछुडे जन्मसात में,आरजू है मेरी ,रखें निज हाथ,हाथ में। है नेह तुमसे कितना , कैसे तुम्हें…
प्रियतम कितने प्यारे हो प्रियतम कितने प्यारे हो,मेरी आँखों से पूछो।पढ़ लो इन अँखियों में बस एक नजर देखो।बसे हो श्वांस श्वांस में न बिछुडे जन्मसात में,आरजू है मेरी ,रखें निज हाथ,हाथ में। है नेह तुमसे कितना , कैसे तुम्हें…
चाँद, पृथ्वी का एकमात्र प्राकृतिक उपग्रह है, जो रात के आकाश में एक चमकदार और मोहक वस्तु के रूप में चमकता है। इसकी सतह पर बहुत सारे गड्ढे, पर्वत और समतल क्षेत्र हैं, जो इसे एक अद्वितीय और सुंदर दृश्य…
सरसी छंद को समझने से पहले आइए हम छंद विधान को समझते हैं । अक्षरों की संख्या और क्रम , मात्रा, गणना और यति गति से संबंद्ध विशिष्ट नियमों से नियोजित पद्य रचना को छंद की संज्ञा दी गई है।…
हाय! कलम क्यों थककर बैठी? ध्येय अधूरा है फिर भी तुम, कैसे करती हो विश्राम?हाय! कलम क्यों थककर बैठी? भूल गई क्या अपना काम? नहीं मरी भूखमरी भू की, विपन्नता भी हुई न दूर।शिक्षा से वंचित हैं बच्चे, धन अर्जन…
हो रहा कटु द्वेष का आयात है अब न जीवन में रही वह बात है,दिन नहीं उजला न उजली रात है। क्या कहें सम्बन्ध के सम्बन्ध में,यह परस्पर स्वार्थ का अनुपात है। दीप बुझने हैं लगे जनतंत्र के,देश में दुर्दम्य…