टेचराही….(व्यंग) दिन आगे कइसा

टेचराही….(व्यंग) दिन आगे कइसा गोरर-गोरर केजिनगी सहीचलत हे नेट,महिना पुटभरे परथेभरे झन पेट। दु दिन आघुमटकत रहिथेआरो मोबाइल मफोन आथे छोकरी केकहिथे ,स्टाइल म। जल्दी भरवा लोआपके सेवाहो जाही बंद,कसके लेववफेसबुक, वाट्सअपके आनंद। मरताका न करतालगा थे जुगाड़,लइका केफीस पटे…

जय जगदम्बे माँ पर कविता

दुर्गा या आदिशक्ति हिन्दुओं की प्रमुख देवी मानी जाती हैं जिन्हें माता, देवी, शक्ति, आध्या शक्ति, भगवती, माता रानी, जगत जननी जग्दम्बा, परमेश्वरी, परम सनातनी देवी आदि नामों से भी जाना जाता हैं। शाक्त सम्प्रदाय की वह मुख्य देवी हैं। दुर्गा को आदि शक्ति, परम भगवती परब्रह्म बताया…

व्यक्तित्व विशेष कविता संग्रह

कहानी सम्राट मुंशी प्रेमचंद जी पर कविता

कहानी सम्राट मुंशी प्रेमचंद जी पर कविता हाँ मुंशी प्रेमचंद जी , साहित्यकार थे ऐसेमानवता की नस-नस को पहचान रहे हों जैसे। सन् अठ्ठारह सौ अस्सी में अंतिम हुई जुलाईतब जिला बनारस में ही लमही भी दिया सुनाईआनंदी और अजायब…

doha sangrah

शुभ्र शरद पूर्णिमा – बाबूलाल शर्मा

शुभ्र शरद पूर्णिमा – बाबूलाल शर्मा शुभ्र शरद शुभ पूर्णिमा, लिए शीत संकेत।कर सोलह शृंगार दे, चंद्र प्रभा घर खेत।। दक्षिण पथ रवि रथ चले, शरद पूर्णिमा देख।कृषक फसल के बीज ले, हल से लिखे सुलेख। श्वाँस कास उपचार हित,…

समझाये सबो मोला (छत्तीसगढ़ी गजल)

पगला कहे दुनिया समझाये सबो मोला ।का तोर मया हे दिखलाये सबो मोला ।। मन मोर भरम जाये वो ही गोठ ला करथेंदुरिहा चले जावों भरमाये सबो मोला । मँगनी के मया नोहे मया हावे जनम केनिंदा करें सब झन…