सलिल हिंदी – डाॅ ओमकार साहू
सलिल हिंदी (सरसी छंद) *स्वर व्यंजन के मेल सुहाने, संधि सुमन के हार।**रस छंदों से सज धज आई, हिंदी कर श्रृंगार..* वर्णों का उच्चारण करतें, कसरत मुख की जान।मूर्धा जिह्वा कंठ अधर सह, दंतो से पहचान।ध्वनियों को आधार बनाकर, करते भेद सुजान।*भाव सहित संदर्भ समाहित, सहज शील संचार…**रस छंदों से सज धज आई, हिंदी कर … Read more