प्रकृति विषय पर दोहे
प्रकृति विषय पर दोहे सूरज की लाली करें,इस जग का आलोक।तन मन में ऊर्जा भरे,हरे हृदय का शोक।। ओस मोतियन बूँद ने,छटा बनाकर धन्य।तृण-तृण में शोभित हुई,जैसे द्रव्य अनन्य।। डाल-डाल में तेज है, पात-पात में ओज।शुद्ध पवन पाता जगत,हरियाली में रोज।। उड़कर धुंध प्रभात में,भू पर शीत बिखेर।पुण्य मनोरम दृश्य से,लिया जगत को घेर।। झूम … Read more