महात्मा गांधी पर कविता – ज्योति अग्रवाला
प्रस्तुत कविता महात्मा गांधी :स्वतंत्रता और स्वच्छता के जन नायक को आधार में रखकर लिखी गई है
प्रस्तुत कविता महात्मा गांधी :स्वतंत्रता और स्वच्छता के जन नायक को आधार में रखकर लिखी गई है
करोना काल में लोग किस तरह से परेशान हुए जनता की वेदना को महसूस किया गया और उसको कविता के रूप में लिखा गया है यह मौलिक अप्रक्षित रचना मेरे द्वारा लिखी गयी है |
एक मजबूत या कठोर व्यक्ति की व्यथा
जब कोई किसी से प्यार करता है तो उसकी व्यथा उसको ही पता रहती है
तुम गुलाब मैं तेरी पंखुरी – उमा विश्वकर्मा तुम गुलाब, मैं तेरी पंखुरी तुम सुगंध, मैं हूँ सौन्दर्य |तुझमें है लालित्य समाया मुझमें रचा-बसा माधुर्य | सारा जग, तुमसे सुरभित हैतुमसे ही, लावण्य उदित है तुम ही देव चरण में शोभित जन-जन का मन, रहे प्रफुल्लित तुम पर ईश्वर, की अनुकम्पा मुझमें रंग भरा प्राचुर्य … Read more