सागर- मनहरण घनाक्षरी
सागर- मनहरण घनाक्षरी पोखर व झील देखो , जिसमें न गहराई ,थोड़ा सा ही जल पाय, मारते उफान हैं I सागर को देखो वहाँ , नदियाँ हैं कई जहाँ ,सबको समेट हिय , करे न गुमान है I जिसका न…
सागर- मनहरण घनाक्षरी पोखर व झील देखो , जिसमें न गहराई ,थोड़ा सा ही जल पाय, मारते उफान हैं I सागर को देखो वहाँ , नदियाँ हैं कई जहाँ ,सबको समेट हिय , करे न गुमान है I जिसका न…
वन दुर्दशा पर हिंदी कविता अब ना वो वन हैना वन की स्निग्ध छायाजहाँ बैठकर विक्रांत मनशांत हो जाता थाजहाँ वन्य जीव करती थी अटखेलियाँजहाँ हिरनों का झुण्ड भरती थी चौकड़ियाँवन के नाम पर बचा हैमिलों दूर खड़ा अकेला पेड़कुछ…
सुरों की मल्लिका लता जी- जगदीश कौर कहाँ गई वो सुरों की मल्लिकाकहाँ गई वो मधुर सी कोकिलाजिसके सुरों के जादू से सारा हिंदूस्तां था फूलों सा खिला। छेड़ती थी जब सुरों की तान मंद -मुग्ध हो जाता हिन्दूस्तानतेरे गुनगुनाएं…
सुविचारित पग आगे बढ़ें मातृभूमि की सेवा करें,दलित शोषित समाज की पीड़ा हरें,निजी स्वार्थों से, ऊपर उठकर,पर हित में भी, ध्यान धरें,नव भारत के लिए, पथ गढ़ें,सुविचारित पग आगे बढ़ें! निर्धनता अभाव से जूझ रहे हैं लोग,अज्ञानता का व्याप्त है,…
भारत रत्न लताजी – ज्ञान भण्डारी दूर झितिज,एक तारा टूटा ,रूठा धरा से, वो यों रूठा ,स्वर लहरी का , हर सुर डोला,शोकाकुल है बसंती चोला। कर्तव्य बोथ का भान तुम्हे था ,वेदना का अहसास तुम्हे था ,तुमने किए लाखो…